धन्वन्तरि भाग 4 | Dhanvantri Bhag 4

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : धन्वन्तरि भाग 4  - Dhanvantri Bhag 4

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मुरारीलाल शर्मा - Murarilal Sharma

Add Infomation AboutMurarilal Sharma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
कह - रउ्पयसित्यिति काम प्रामुव्चतद्राप ।मर्वच्यवानात्‌ | प्रानि स्त॑ जहि तस्तायुर्देखादित्यति मठशुर्तकनीनास कद में+० अ०१७ रु ०११४ ] ० न्न्ड बा टन टन कि पे सच गण लि हर पजयरिुसििय कि भांग ५. जनवरी, फरवरी सच १९२८ चिड१२ पी: न्य ही गे न ५. हक नव ० चमण कि हल आन सम सच स्म्ग्् बम नव म्ग्द कम ध्ल्स्प्रिज मल कक सम दशरथ बस मेक हे रे ट््म के. कि वि स्टार्क. ६१,220 5:15 कमाल का कि 0 ः डा ल सं 2 ह्प्सकका थे थे की 1 दा कर कप डा प्र पर 8 ् ५ ई पर, | / द चह 4 ड ठ ् सपारहु अधसन-उचारक-न्नाथ ' ् । रोग थे रत अति कष्ट परी दा, सयौ दुग्पन गौ साथ | टेक उचा० पे धद ७ कर ' ही ् रोग भयकुर स्वामि सयो है, कस्पत पैर डार दाथ । पु गग गिल परत सो अलन करत हैं फूरत कद माथ ॥ उधा०् ॥ है से घन्चन्तरि ? पथ | मरे तुम्दी, में है स्वापि भनाध ा जै के पश् ् ' तनिक विनय सम कान करोड जे, दीजिये सेरी साथ ॥ २॥ चिधारहु पनित--उवरक--नाथ ? उप :5:६2 सी अवतचिदारी साधुर जहा “कपडे रडलकड डा हक डरा हर पक हैं १ दिस्टारिया रियो की विनय । करार एस, इ,पस्स ए, कविररर द्ड्ी टच दा चयन रििलप« ६ हसिरट दा हरे द१ ९३ रह कद कक कल्प मूह भ्




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now