विश्व - संघ की और | Vishva - Sangh Ki Aur
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
327
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
भारत के स्वाधीनता आंदोलन के अनेक पक्ष थे। हिंसा और अहिंसा के साथ कुछ लोग देश तथा विदेश में पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से जन जागरण भी कर रहे थे। अंग्रेज इन सबको अपने लिए खतरनाक मानते थे।
26 सितम्बर, 1886 को खतौली (जिला मुजफ्फरनगर, उ.प्र.) में सुंदरलाल नामक एक तेजस्वी बालक ने जन्म लिया। खतौली में गंगा नहर के किनारे बिजली और सिंचाई विभाग के कर्मचारी रहते हैं। इनके पिता श्री तोताराम श्रीवास्तव उन दिनों वहां उच्च सरकारी पद पर थे। उनके परिवार में प्रायः सभी लोग अच्छी सरकारी नौकरियों में थे।
मुजफ्फरनगर से हाईस्कूल करने के बाद सुंदरलाल जी प्रयाग के प्रसिद्ध म्योर कालिज में पढ़ने गये। वहां क्रांतिकारियो
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अध्याय
२९
२९
भम.
९३.
२४
गष
२६
२.७
रस
२६
२०
( १० |]
तीसरा खड; कहाँ पहुँचना है ?
विषय
हमारा लक्ष्य |
मानव जाति की एकता
विश्व-संघ की जरूरत
विश्व-संघ के आधार
पिश्व-संघ की संस्कृति
विश्व-धमं
विश्व अथंनीति
विश्व-संष का शासन
विश्व-संय और अहिन्सा
दमे स्या करना चाहिए ?
ात्म-निमाण
परिशिष्ट विश्व-संय में पु पक्षी
... २६९४
प्रष्ठ
१८६
१६१
२०९१
२०६
२१६
२२४
२४६
२६६
२.७७
(.-
२३०१
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