कल्याण मानवता अंक | Kalyan Manvata Ank

Book Image : कल्याण मानवता अंक  - Kalyan Manvata Ank

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पं. श्री रामनारायणदत्त जी शास्त्री - Pt. Shri Ramnarayandatt Ji Shastri

Add Infomation About. Pt. Shri Ramnarayandatt Ji Shastri

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१२--१५-भादर् मातिय्य ३२--३५-भाव्् क्षमा (१९) संत ईसामलीद ८२) संत सरमद्‌ ८३ ) भगवान्‌ महावीर (४) भगवान्‌ बुद्ध २६--३९-धर्ममूति (८ १ ) समर्थ रामदास ( र ) गोस्वामी तुलसीदास (2 &४)स ४०--४-धर्रकषक ( १ ) गुर गोचिन्दसिंह (. २ ) शुरु तेगवहादुर ~ (३) छषपति शिवाजी (४) महाराणा पराप 9४४५ - (१) पन्नाधाय 0 २) राणक्ति कखपुरोहित ( ९४ ) के के कण १ ६ © कक थे १ 8 © ® १ [4 9 9 १ ६ © ˆ“ १६१ ˆ“ १६९ ` १६९ ““ १६१ - २०० - २०० = २०० - २०० = र्‌ © १ ॥ 8) 4 9 १ का के के र 9 १ क्म र्‌ © १ रर कक के २२४ = २२४ = २२४ “ˆ २२५ ˆ २२५ ˆ २२५ ` २२५ ` २६ २६९६ ` २९६ ` २६६ ` २६९७ “ˆ २६७ ` २६७ ˆ“ २६७ “ ३०४ कि, ; ४६--४९-वादर्ं नारी (१) सती पश्चिनी ˆ“ ३२८ , (२) वीराङ्गना स्क्मीवाईं *** ३२८ ( ३ ) मनखिनी अदल्यावाई ˆ“ ३९८ (४) देवी शारदामणि “ ३९८ ५०--५ ३-नारीके सर्वनादाका साधन (१) सहरिष्षा ˆ“ ३२९ (२) तलाक ˆ ३२९ (३) शत्य “ ३२९ (४) विलसिता ˆ“ ३२९ ५४--५७-पे मानव ! ( १) नर्पिशाच ** ३६८ (२) नर ३६८ ( ३ ) नर-असुर ˆ** ३६८ ( ४ ) नरराक्षस ˆ* ३६८ १५८ १-मानवकीः निदंयता ( १) गा्ोपर ˆ“ ३६९ (२) पशुऑपर * ३६९ ( रे ) वंद्रॉपर **” ३६९ (४ ) पश्ियोंपर ** ३६९ ६२ ६२-सचे साधुभकि आद्र ( १ ) स्वामी विशुदधानन्द्‌ -* ४०८ (२) श्रीरमण महर्षि “° ४०८ ६४-६५- सचे नेताोके नाद ( १) छोकमान्य तिछक -* ४०८ (२) महामना मालवीय *** ३०८ ६६-सच्चे साधुओंको बदनाम करनेवाले ४9 ६७-देशसेवक सच्चे ेताओंको बदनाम करने ` वि नकली लोग + ९ ह८-सब पाप मगवानकी आँखोंके सामने ४४८० ६९--७रे-पापका परिणाम ( १ ) पशुयोनि * (२) बीमारी मेक ( रे ) दखिता कस (४ ) नरक-यन्त्रणा १ ७३-७४-मद्दाध्वंसका यदद साज (१ 2 दीरोशीमा-नागाशाकीकी पा ४६४ (२) ये बमयरीक्षण ` रण. त ७५-७६-विनाशकारी सविष्य ( १) कालके पंजेंमिं (२) चमसी दूँ ---




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now