प्रश्नोत्तर रत्नचिन्तामणि | Prashnottara Ratna Chintamani

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Prashnottara Ratna Chintamani by अनूपचंद मलुकचंद - Anoopchand Malukchand

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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९ १५० पदि बरतन साफ किये विगर उपयोगम्‌ खेर तो क्था हवै ! २२२ १९१ मंदिरमें मफडी बगैर: के जाले होवे उसक्षा न निकार रहै तो आज्ञा तना लगे ! और उनकों रखकर पूजा कर तो क्या ११. .... - २२२ १५२ प्र्ुमीकों जहांपर केसरकें तिलक किये जाते हैं बहांपर सुझ्ने चांदिके परतरे लगाये जाते हैं वो व्यानवी है या नहीं ! .... . ;. ~~; २२१ १५३ पुष्पकी जगे केसरवाछे चावल चढावे तो कैसा ! .... 2 २९६ १९४ जिस जीवने मरणेके समय ज्रीर वोशिराया नहीं, वो शरीरसें घुभाघुभ जो करियाकी होवे उसका शुभाशुभ दोचु फल होवे या नहीं :.. २२९३ १५५ जो जो वस्तु वोधिरानेमें आती है वो इस भवकें अंत तक दोलिरानेमें आसी ३ तो अति भवम्‌ उसका पाप अत्वे या नई १ „. २२४ १५६ भिवेक सो कया है ! < ५ .. २९४ १५७ शांतपना सो क्था है! कि न .. २ १५८ दांत सो क्या है! र म „„ १२६ १५९ कामका जयसो क्या! १ त २२६ ११० कति क्या सुत है कि छक्ति प्रयास करना ! २२७ १६१ भलुष्व मरनेके समय संयारा करे सो किस तरह करे ! ओर उसे क्या चितवन करै ! ओर उससे क्या काम हमै! ... २९९ १६२ आत्मारामजी मददाराज-विजयानंदसूरिजीकों प्न लिखेंये उन्होंका कया - जवाव है! क २६६ ०६३ भरनके यक्त समाधिर्मे चित्त रहे उस घास्ते कोई जाप करनेका कहा १! २१७ १६४ साधारण दरष्यमे षर्श्नाला वनवाई गह हे उसका भावक वपरादये सवै या उसमें संघ वगर। को जीमाव तो धवककों युनासीव है १... २३८ १६९९ थुदगलू कितने भ्रकारके कहे है? .... कक २३९, १६६ परिहारविश्द्धिवारि् कितने पू पे हुवे अगीकार करे { .. २३९ १६७ सिद्महाराजजीकों चारित्र कहाजावें या नहीं ? ~ २४० ११८ विभंगज्ञानवाछेकों दशेन दोवे या नहीं । २४० १६९ शनीकों अशदधमान आहार्‌ पानी देनेसे क्या फू होवे ! २४० १७० भायशरित छेनेका भाव है और उस अरसेमें मरजाय तो आसथ दोषै या नहीं ! नि मर २५




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