टॉल्सटॉय और गांधी | Tolstoy Or Gadhi

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Tolstoy Or Gadhi by दीनानाथ व्यास - Dinanath Vyas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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का दृष्टिकोण ४ प्ि महर्षि टॉल्सटॉय विश्व की उन विसूतियों में से थे, जो शतान्दियों के वाद घराघाम पर श्रवतरित शेती हैं । उनका सारा जीवन श्रनुभूत प्रयोगों का एक विशट् संग्रह था । उन्होंने जो बिचारा, उसी के झनुसार श्राचरण किया। उनके जीवन- सम्पन्घी निष्कर्ष तत्कालीन रूसी मद्र-समाज को चौका देने- बाले थे | उन्होंने स्वयं एक कुलीन परिवार में जन्म लिया था । आआरम्म में उनका जीवन रईसों के भ्रष्ट-चरित्र युवकों का-सा था । पर उन्होंने अपने पतित श्राचरण से जो-जो सबक सीखा, किसी- न-किसी रूप में मानव-समाज के सन्मुख श्रंवश्य रख दिया । जब उनका विवाद दोनेवालां था, तो उन्दोंने श्रपने श्राचरण के सम्बन्ध में जो-जो घटनायें हुई थीं, उन सब की डायरी इठ चूबंक श्पनी भावी पत्नी को सुनाई । उनकी भायी पत्नी दीव




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