टॉल्सटॉय और गांधी | Tolstoy Or Gadhi
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7.5 MB
कुल पष्ठ :
406
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)का दृष्टिकोण ४
प्ि महर्षि टॉल्सटॉय विश्व की उन विसूतियों में से थे, जो
शतान्दियों के वाद घराघाम पर श्रवतरित शेती हैं । उनका सारा
जीवन श्रनुभूत प्रयोगों का एक विशट् संग्रह था । उन्होंने जो
बिचारा, उसी के झनुसार श्राचरण किया। उनके जीवन-
सम्पन्घी निष्कर्ष तत्कालीन रूसी मद्र-समाज को चौका देने-
बाले थे | उन्होंने स्वयं एक कुलीन परिवार में जन्म लिया था ।
आआरम्म में उनका जीवन रईसों के भ्रष्ट-चरित्र युवकों का-सा था ।
पर उन्होंने अपने पतित श्राचरण से जो-जो सबक सीखा, किसी-
न-किसी रूप में मानव-समाज के सन्मुख श्रंवश्य रख दिया ।
जब उनका विवाद दोनेवालां था, तो उन्दोंने श्रपने श्राचरण
के सम्बन्ध में जो-जो घटनायें हुई थीं, उन सब की डायरी इठ
चूबंक श्पनी भावी पत्नी को सुनाई । उनकी भायी पत्नी दीव
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