कलिंग चक्रवर्ती महाराज खारवेल के शिलालेख का विवरण | kaling chakrvrti Maharaj Kharvel Ke Shilalekh Ka Vivaran
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
28
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ १४ |]
प्राकृत सुल पाठ ।
[1] तथा चचुत्रे वसे विजाघराघि-
वासं अहत-पुव कालिंगपुवरा ज-
निवेसितं . .. . ...... वितध मकुट-
सबिलमदिते च निखित-दत्-
( पक्ति ६ )
-भिगारे हित-रतन-सापतेय सव-
रखिक भोजके पाद् वंदाष-
यति [1] पंचमे च दानी वसे नद्
रा ज-ति-वस-सत-श्रोघाटिसं तन-
सुल्लिय-वाटा पनाडि सगरं पवेत
[य|ति[।|सा...... . -भिसिता
च राजसुय [| सदस्त-यंता सव-
कर-वणं
( प्ति ७ )
श्रनुगद्द-अनेकानि सतसहसानि
विसजति पारं जनपदं [||
सतमं च वस पसासता वजिरघर-
व| |ति घुसित-घरिनीस [-मतुकर-
पद् | -पुना [ति कुमार |...
द ,,,... [1] श्रठमे
च वसे महता सेना....... -गा-
रघगिरि
स स्कूतच्छाया ।
तथा चतुर्थे वर्ष विद्याघराधिवासमू
प्रहतपूवं कालि प -पूव॑राजनि शितं
प वितथ-मकुटान् साधि-
तविह्मां श्च नित्तिप्र-ख>-
भ्ङ्गारान् हत - रन्न - स्वापतयान्
सवराष्ट्कि भा जकान पादाव-
मित्रादयत [। ] पब्त्चमें चेद।नं। व
नन्द्शजस्य त्रि-शते-व %वघ
हितां तनसुलिथवारात् प्रणाली
नगर प्रवेशयति [|| सा(भ्पि च
वधं पठे) ऽभिपिक्तश्च राजसूयं
सन्दशैयन् सवं-कर-पणप्
प्रनुम्रहाननेकान् शतसहस्रं विम्.
जति पौराय जानपदाय [1]
सप्रभं च वप प्रशासता वज्रवती
घुषिता गृहिणी [सन्-मातृकपदः
प्राप्नाति १] [कुमार].........
द [|] अष्टमे
च वपं महता# सेना...... मा
रथ-िरि
‰ महता = महात्मा ?। सेनाम
समस्यन्तपद्स्य चिशेषण वा ।
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