जल टूटता हुआ | Jal Tutata Huaa

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : जल टूटता हुआ  - Jal Tutata Huaa

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रामदरश मिश्र - Ram Darash Mishr

Add Infomation AboutRam Darash Mishr

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
4 9४ भ्ल भर के काना को रस्सी में बाँध कर मारा गया । पता नहीं यह पानी क्या करेंगा ? सुना है राप्ती नदी जोर से वढ रही है. नाले भी उपन रहे है. हाँ वह देखो दूर-दुर के नाला का उफनता हुआ सफेद जल दिखायी पड़ रहा हू । पता नहीं कया हो * उस वी इच्छा हुई कि वह घर लौट जाय, मगर स्कूल का हैडमास्टर जो ठहरा ! नही जायगा तो इस्पैक्टर तुरन्त ही वरखास्त कर देगा । उसने फिर एक वार कीचड़ से सने अपने कपड़ा को देवा, उमे रणाई था गई। परसाल भी उसके पास एक दी कुर्ता था, .. इस साल. भी एक. ही कुर्ता हूँ । उसे याद आया--उसके पास कभी भी दो कुरते और तीन धोतिया नही हुई पल रन. वह्‌ ताराव कौ भार बढ गया । बचा-वचा वर कीचड़ का साफ किया । चला गीला हो गया तो क्या, अब कोई यह तो सही कहेगा कि मास्टर भिर गया धा-क्पहे वारिद मे भीग हौ सक्ते है। उसके मन भै फिर एक वार सपनो का तार जोटना चाहा, किन्तु कौचढ को गामा ने सारे तारो को छिन्न भिन करके विवर दिया था 1 उस वौ आखा बे आगे दूर-दूर उफनते हुए नालो का सफेद जल दिखायी पड रहा था। वाढ की छाती पर लोटती हुई सडकें, सुल-समृद्धि, पूरूती-फलती हरियालियाँ और हि मौरक्या> मास्टरको रगा जे उसके पेद में कटी एक तौखो ष्ठो रही हे. हाँ यह ऐंडन ही ह. खाड़ी, अत्तडियोँ -ऐटियी-महीं-दो--.. कया बरेंगो ? गो? उसको आँया में वोता हुआ कल उतरा गया । हाँ, आँसा में वोता हुआ कल उतरा गया । हाँ, पाँच श गाँवा में ऐसा बित्वास हु कि यदि गाँव भर के काना वे नाम ले-छे कर एक रस्सी में गाँढें मार दी जायें और उन गाँठा को पोटा जाय, ता पानी वन्द हो सकता हु 1 ~ ५




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now