रामचरितमानस और पुर्वांचलीय राम काव्य | Ramcharitamanas Aur Purvanchliy Ram Kavya

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Ramcharitamanas Aur Purvanchliy Ram Kavya by विजयेन्द्र स्नातक - Vijayendra Snatak

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पुदाचत-परिशय ९५ उत्पल का' उल्नेस है । शास्तिपय में कालिंग के राजा चिमागद की कन्या कै स्वयम्बर का यर्षन ड! द्रौपदी कै स्वयम्वर में कालिंग का राजा उपस्थित था । श्ुतायु: सोम का राजा ६० हजार हाथी से कर पांयबों से ला था । ग्रजुन ने स्रंग, चंग सौर मलग की यात्रा की थी । महाभारत में कलिंग-नियासियों को क्षत्रिय मिनतु साथ ही दुर्खेम मी फद्दा गया है, शायद इसलिए कि उन्होंने दुर्भोधन फा साय दिया था । उत्कन बोर थोड़े नाम कस थ्राये है । कप द्वारा उ्कलीयों को हराने का उस्पेग टसा है । उड़ था उडुदेग के लोगों ने युद्ध में पाप्टवों का साथ दिया था । स्पष्ट है फि महाभारत के रचना-काल में इ्टीसा के लीनों विभाग बिल्कुल स्पप्ट थे । चौंद्ध- जातकों मे दिम झ्ौर उदकल के साथ ही उककल या श्रौपफनल जाति घौर देव का थी वर्णन है थी मधिप्यपपुराण, महयनपुराण एवं यायुप्राण में फलिंग का सोम ग्राया है नह ने यनाय के साथ पिनि य भी घजिन की चौघायम ने चंगापव के साथ हो फनलिंग की याथा भी चजिस की थी | पूर्वाचल की मौगोचिक-स्थित्ति : पूर्वायल चने, जन्तु, नदी, घादिमनजातियों एवं रानिज-पदार्थ से सम्प्रस्त मानसूनी-जलवायु पा प्रटेस है । असम का सषेमफाल र.र०,४० य० फिलोट, जनसंरया ११८ करोड़ है। उसके उत्तर में भूटान श्रीर लिव्वस, पूर्व में बद्धा तथा सणिपुर, पश्चिम एवं दक्षिण- परिनिम में बांग्लादेश गौर नरिपुरा है । इसका सामरिक सहत्त्य हैं । चीन, भुटान श्रीर ब्रह्मा को जाने वाले व्यापारिक मार्ग यहीं से ट्रोकर जाते है । इसका श्राघा भाग पहाड़ी सौर भ्राधा भाग मंदानी है । बहुत बड़े भूभाग पर वन हूं । यहाँ ग्रनेक प्रकार की जलवायु के बन है । पानी घहत वचरसता है, समस्या सिंचाई की नहीं झपितु ब्रतिरिकत पानी के निकास की है । म्रक्रीका को छोड़ कर श्रन्य कहीं ऐसी वनस्पति, जीव-जन्तु एवं परयुपली नहीं हैं । गेंदा, हाथी, जंगली मसे, मटन (जंगली सांड़) भ्नेक प्रकार के हिरण, भयंकर मि, प्रजमर्‌, चीता, वाघ प्रादि जीव- जन्तु्रों से इसके चन-प्रदेश भरपूर ह 1 यदुं अनेक प्रकार्‌ की त्राद्विम-जातियां निवास करती है जिनकौ जनसंस्या का प्रत्तिणन तीनों प्रदेश के प्रतिशत से ्धिक हू 1 वल का क्षेवफन ८६,१६२ वण किलो०् द ग्रोरं जनक्ं्या ३-४६ करोड़ है । परणिनिम में विहार, पे में वॉस्लादेश श्रौर श्रसम, उत्तर में भूटान श्रीर सिविकम के राज्य तथा उत्तर-पश्चिम में नेपाल की पूर्वी सीमा ग्रौर दक्षिण फी ग्रोर लदराता हुमा महासागर है । श्रथिकांशतः नदियों की लायी हुई कछारी मिट्टी से बना है । केवल उत्तरी १. श्री दूंटर--दिस्ट्री पॉफ़ ब्रोरिसा, पृ० १०--श्री एन० के० शाह की पाद-टिप्पणी । नन ककनलप त




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