कबीर | Kabir
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
189
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१
कबीर का युग
तांत्रिक काल के श्रत में ११९३-१२०६ के अंतगंत हमारी
राजनीतिक सत्ता विदेशी शासकों के झंघीन हो गई । इसके पश्चात्
उत्तरी भारत पर दो राजवंशों का राज रहा। ११५६ से १५५६
तक सुलतानवंश शरोर तदुपरान्त मुगलवंश । इसके अतिरिक्त
दिल्ली के केन्द्र में विदेशी शासकों की ही शक्ति रही › परन्तु समस्त
राजपताना, वुन्देलखंड, बघेलखंड अदिमें हिन्दू शासकोंका ही
राज रहा। अतएव 'ाधे उत्तर भारत में स्वदेशी राज्य थे।
देशी शासक पूर्णतया लुप्त नहीं हुए थे । प्रद्यपि दिल्ली के साम्राज्य
के अंतग त बसने वाली प्रजा राजनीतिक दृष्टि से विदेशी सत्ता
के अधोन थी) क्योकि ग्रामीण जनता विदेशी सत्ता के सम्पक में
नहीं आ सकी थी । सन् १४२७ में राजनीतिक क्षेत्र में परिवतन
हुआ । अंतिम खुलतान ९ [हीम लोदी क समय में बाबर का
आक्रमण हुखा आर पानीपत के क्तेत्र मे उसकी विजय से मुगल
साम्राज्य की स्थापना हुई ।
मि ति की दृष्टि से सुलतानों ने भारतीय संस्कृति को
सखमभने का प्रयत्न नहीं किया यर न उन्होने उसमें हस्तक्षेप
किया परन्तु बहुत बड़ी संख्या में हिन्दू जनता धमं परिवतन
करके मुसलमान हो गई जिसङ़े फलस्वरूप मुसलमानों के भी दो
दल--विदेशी मुसलिम अर नबमुसलिम हो गये। शासकों को
भारतीय संस्कृति के प्रति सहानुभूति नहीं थी ।
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