केशवदास एक अध्ययन | Keshavadas Ek Adhyayan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
17 MB
कुल पष्ठ :
180
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जीवनी, व्यक्तित्व और रचनाएँ ` ११
जाय; या रामचंद्रिका के छदौ को लेकर उसका पुनर्चिमाण
_ किया जाय ।
केशव कवि के नाम से दो अन्थ और मिलते हैं । उन अरन्थों
के नाम हैं--बालिचरित्र और इचुमान-जन्म-लीला । इनकी रचना
शिथिल है । इनुमान-जन्म-लीला पर नोट देते हुए सचेरिपोटे
१६०६, १६१०, १६११ के लेखक लिखते है
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लाला भगवानदीन ने केशव के सम्बन्ध मे विस्तृत चच की थी,
उन्हीं की टीकाए लेकर आज केशव के अध्ययन-अध्यापन च्रौर
समालोचन का काम होता है । उनका कहना है कि ओरछा में एक
हसुमानजी का मन्दिर है । जनश्रुति है कि इसे कवि केशंवदास ने
ही संस्थापित किया था । अतः संभव है कि उपरोक्त रचना कवि
की ही हो, और उसमें विशेष काव्य-कौशल प्रस्फुट न हुआ हो |
ज्ञोहो, इन अन्थों के सम्बन्ध में अभी हम संदिग्ध ही हैं ।
आवश्यकता इस बात की है कि केशव सम्बन्धी सारी सामग्री
, सुसंपादित और प्रामाणिक रूप से हमारे सामने उपस्थित हो
जिससे उसकी समीक्षा का काम निश्चयात्मक रूप से किया जा
सके । अभी तक प्रस्तुत सामग्री की दशा किसी प्रकार आशाजनक
नहीं है। ........
रामचंद्रिका प्रसिद्ध महाकाव्य है जिसका सम्बन्ध महाराज
रामचंद्र की कथा से है। इसकी रचना-तिथि संवत्ू १६५८ है. ।
इस प्रकार यह रचना रामचरिवमानस की स्वना के २७ वषं
बाद प्रकाश में झाइई । कविप्रिया की सचना भी इसी षष
(१६१८) इई । इसमे अलंकारो क विशद विवेचन है । केशव ने
वर्णन को भी “अलंकार” माना है ओर जिन वणेनों से राम-
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