अमेरिकन इतिहास की रूप-रेखा | American Itihas Ki Rup-Rekha

American Itihas Ki Rup-Rekha by जॉन स्मिथ - John Smith

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्रपनी सुविचारित पद्धतिर्यो, उदारता, परोपकार श्रौर सफल व्यापारिक बुद्धि से इस नगर को १८वीं शताब्दी, के मध्य तक अमेरिका की फज्ती-फूज़ती राजधानी बना. दिया था | यद्यपि प्रिलडेलप्िया में क्वेकरों की प्रधानता थी, परन्ठ पैनसिलवेनिया में श्रन्य स्थानों पर झन्य लोग भी बसते थे | त्रपने युद्ध-विनष्ट देश से त्रपनी माग्य-परीक्षा करने के लिए, जमन, बहुसंख्या मैं यहाँ श्राये थे। वे शीघ्र ही पान्त के अत्यन्त कुशल कृषक सिद्ध इए } कपड़ा, जुता तथा फर्नीचर बनाने श्रौर अन्य दस्तकारियों में उनकी कुशलता इस उप- निवेश के विकास में. अत्यन्त महत्वपूर्ण और सहायक सिद्ध हुईं। नई दुनिया में स्कौच-श्रायरिशि लोगों के आगमन का भी पैनसिलवेनिया मधान द्वार था । वे बलवान्‌ सीमान्तवासी थे, वे जहोँ चाहते वहीं भूमि पर श्रधिकार कर लेते श्रौर श्रपने अधिकारों की रक्षा बन्दूकों तथा बाइबिल के श्रनन्त प्रमाणों से करते थे । क्रादन के प्रति इनकी उपेक्षा के कारण धार्मिक वृत्ति के क्वेकर इन्हें बहुत कश्टदायक समझते थे, परन्तु भविष्य में इनके दोष दही बहुत बलवती उपयोगिता की वस्तु सिद्ध हुए. । उयों-ज्यों ये बियाबान मेँ फलते गण त्यो तयो धम, विद्या ` श्रौ प्रातिनिधिक शासन-पद्धति मैं झपने विश्वास. के कारण ये लोग सभ्यता के शग्रदूत सिद्ध इए । पैनसिलवेनिया के निवासी तो मिले-जुले थे ही; न्य्ोक कपड़ा बनना, साबुन बनाना झौर रँगाई घर के साधारण काम-काज के भाग थे। १७वीं शताब्दी की एक गृहिणी मोमबत्तियाँ बना रही है। में भी बहुमाषा-माषी लोग एकत्र हो रहे थे, श्रौर सत्रहवीं शताब्दी के मध्य में ही अमेरिका की भावी बहुन्माघा-भाषिता की भालक दिखा रहे थे। १६४६ में हडसन के झ्ासपास एक दर्जन से ऊपर माष सुनाई देती थीं श्रौर यहाँ की आत्रादी मैं यूरोप के प्रायः सभी. देशों के लोग पाये जाते थे | इनमें अधिकतर अपनी श्राजीविका व्यापार द्वारा कमाते थे, श्रौर उन्होंने उस व्यापारिक सभ्यता की नींव डाली जिसमे श्रागामी पीढ़ियों की विशेषताएँ निहित थीं | ५ ३ भर ४०. वृष तक न्यूनीदरलेड के स्वामी इन्व लोग थे | यहीं स्थान बाद को न्यूयॉक कहलाया । परन्तु ये लोग पपवांसी नहीं थे । इनके देश हालेंड में ही बहुतेरी भूमि थी श्र नये उपनिवेशों से उन्हें ऐसा कोई राजनीतिक श्रथवा धार्मिक लाभ प्राप्त नहीं होता था जिसका उपभोग वे पहले से न कर रहे हों । इसके श्रतिरिक्त डच वैस्ट इश्डिया कम्पनी. नामक जो कम्पनी नई. दुनिया मैं बस्ती बसने के लिए संग- ठित हृदं थी उसे नया उपनिवेश व्यवेस्थापूवंक चलनेके ` लिए योग्य अधिकारी सुगंमता से नहीं मिले । १६६४ में त्रपनिवेशिक हलचलों मैं ब्रिटिश रुचि पुनः बढ़ गई और... उन्होने उच बस्ती को जीत लिया} परन्तु उच लोग इसके पश्चात्‌ भी सामाजिक श्रौर त्रार्थिकं मामलों पर प्रभाव डालते रहे । इस प्रदेश फे मकानों की तिकोनी छ शौर नगर का `




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