जिनराजसूरी-कृत-कुसुमांजलि | Jinrajsuri Krit Kusmanjali
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
338
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)&४. श्री नेदिषेणा गीत १० साधुजी न जइयइ जी पर घर
एकला ७५
१५. श्री गज़सुकुमाल
मुनि गीतम. & सवेग रस माहि फोलतड ७६
६६. श्री स्थुलिभद्र गीतम. ३ थूलिभद्र न्यारी भाति तिहारी ७५
&3. श्री विजय सेठ
विजया सेठानी गोतम. ३ श्रालो घन् वो प्रिय धन वा प्यारो39
६६. श्री दमयन्ती सती
गीतम ११ छोड़ि चल्यउ नराद् ७्थ
६६. श्री सती कलावती
गीतम. £ बांहे पहिरचा बहरखा ७६
१००. श्री मयरारेहा
सती गीतम्. ७ लघु बाँघव जुगबाहु नइरे हां ८०
१०१ श्री सीता सती
गीतम. ५ जब कह तुक धनबास रे ८१
१०२. श्री सती सीता
गीतम, ६ लखमजी रावीर जौ हो जीवनं दर
रामायण सम्बन्धो चद्
१०३. म दोदरी वाक्यम. ३ मदोदरी बार वार इम भाखह् ८४
१०४. म दोदरी वाक्यम, 3 भ्राज पीडउ सुपनदइ खरी डराई ८४
१०५. म दोदरी वाक्यम. ३ सीयकी भीर रघुवीर धायड . ५
१०६. सीता विरह ३ सीय सीय करत पीय ८५
१०७. राम वाक्य
सुभटानामर £ भ्रसुरपति भ्रापरि कमाई तदं ०६
१०८. हनुमत वाक्यम् ३ जु कछु रघु राम कहइ सोऊ करिहुं ८६
(ए)
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