मेरा बचपन | Mera Bachpan
श्रेणी : जीवनी / Biography
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
112
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
रवीन्द्रनाथ टैगोर - Ravindranath Tagore
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हजारी प्रसाद द्विवेदी - Hazari Prasad Dwivedi
हजारीप्रसाद द्विवेदी (19 अगस्त 1907 - 19 मई 1979) हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म श्रावण शुक्ल एकादशी संवत् 1964 तदनुसार 19 अगस्त 1907 ई० को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के 'आरत दुबे का छपरा', ओझवलिया नामक गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री अनमोल द्विवेदी और माता का नाम श्रीमती ज्योतिष्मती था। इनका परिवार ज्योतिष विद्या के लिए प्रसिद्ध था। इनके पिता पं॰ अनमोल द्विवेदी संस्कृत के प्रकांड पंडित थे। द्विवेदी जी के बचपन का नाम वैद्यनाथ द्विवेदी था।
द्विवेदी जी की प्रारंभिक शिक्षा गाँव के स्कूल में ही हुई। उन्होंने 1920 में वसरियापुर के मिडिल स्कूल स
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मेरा ^ पन
१
मैंने जन्म लिया था पुराने कठकत्ते में । शहर में उन
दिनों छकड़े छड़-छड़ करते हुए धूल उड़ाते दौड़ा करते
अर रस्सीवाटे चावुक घोड़ों की हड्डी-निकली पीठ पर
सरासट पड़ा करते। न ट्राम थी, न बस और न मोटर
गाड़ी । उन दिनों काम-काज की ऐसी दम फुला
देनेचाली टेलमटेठ नहीं थी । इतमीनान से दिन कटा
करते थे। वावू छोग तम्बाकू का कश खींचकर पान
चबाते-चबाते आफिस जाते--कोई पालकी में और कोई
साभफें की गाड़ी में। जो लोग पंसेवाले थे, उनकी
गाड़ियों पर तमग्रे ठगे होते । चमड़े के आधे घू घटवाले
फोचवक्स पर कोचवान बेठा करता, जिसके सिरपर
बांकी पगड़ी छहराती रहती थी । पीछे की ओर दो-दो
सईस खड़े रहते, जिनकी कमरमे चवर भूलते होते ।
स्त्रियों का बाहर आना-जाना बन्द द्रवाज़ कौ पालकी
के दम घुटा देनेवाले अधेरे में हुआ करता । गाड़ी पर
चढ़ना शर्म की बात थी । धूप भौर वर्षा में उनके सिर
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