प्राथमिक सहायता | Prathamik Sahayata
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
0.77 MB
कुल पष्ठ :
72
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)के स्य में बाहर भाति हैं । इनमें गुर्दे, चमें, मूझाशय प्रीर
मलाणप ध्रादि घामित हैं 1 ह
न इन घ्रगों दा स्पान जानने के लिए चित्र सं० 1 देखिये 1
(प) मुस्य घमनियां एवं दवाव-बिस्दु या स्यान
'दवाव स्पान'--वहद है जह्दी एक धमनी को उसके
हचे पड़ो हुदूडो के ऊपर दबाया जा सकता है, ताकि उसे
पान से रवत धागे न जा सके ।
धघमनियां--मुख्य रक्त से जाने वाली नसें हैं। चित्र
व. (2) में धमनियों का जाल दिघाया गया है भौर
पलाकार में दवाव स्थान दिसाये गये है ।
रवतस्राद या बहते यून को यन्द करना
रक्तस्राव दो प्रकार का होता है :--
(प्र) भीतरी रक््तस्राव होने पर नाक, मुह या कान
से रवत भ्राता दै । ऐसे समय तुरन्त डाशटरी सहायता प्राप्त
कीजिये प्रौर रक्तस्राव के स्थान पर ठण्डे पानी को गद्दी या
बर्फ रखिये |
(व) बाहरी रक्तस्राव तीन तरह का होता है--
() घमनी से--जब तेज लाल रंग का रक्त हृदय
की ध्रोर से तेजो के साथ फब्दाये की तरह निकलता है 1
(7) शिरा से--जब गहरे लाल (नीलापन या बेंगनी )
रंग का रश्त हृदय की विपरीत दिशा से धार के रूप में
निकलता है । इसमें घमनों के रवत की तरह तेजी नहीं
होती । “की,
(सा) केशिकानों से--जव साधारण लाल रंग का-
रक्त चारों भोर से रिस-रिस कर बहता है। +. .. >
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