प्रद्युम्न चरित आदि कालिक हिन्दी काव्य | Pradyumn Charit aadi Kalik Hindi Kavya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
362
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about माताप्रसाद गुप्त - Mataprasad Gupta
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १३ )
भ से प्रथस दो संस्कृत एवं शेष श्वपश्रश भापाकी है। उक्त पुराणों के
अतिरिक्त संस्कृत, छपर श एवं द्विन्दी में अद्य म्न के जीवन से उम्वन्धित्त
जो खतन्त्र रचनायें मिलती दै उनके नाम निस्न प्रकार द -
क्र० सं० रचनाकानाम कतांकानाम भाषा रचन काल्ल
१. प्रयूम्नचरित्र महासेनाचायै संस्छरत श९बीं शताब्दी
२. पज्जुण्णकह्दा सिंह अथवा सिद्ध अपध्रशा १३वीं शताब्दी
३. प्रद्य स्तचरिति कवि सधारु हिन्दी सं १४११
४. प्रदय म्नचरित् भ० सकलकीतिं संस्कृत १४वीं शताच्दी
५. प्रथ म्तचरित्र रदधू अपभ्रंश श्वं शताब्दी
.६. प्र स्नचरित्र सोमकीर्ति संस्छत खं १५३०
७. ,प्रच्य सन चौपई कमलकेशर . हिन्दी स० १६२६
८. 'प्र्च म्नरासो ग्रह्मरायंमत्ल .... हिन्दी... सं० १६९८
६. प्रद्य स्तचरित्र रथिसागर संस्छत सं १६४५
१०. -शास्वरप्रदय म्न यस समयसुन्दर राजस्थानी सं° १६५६
११. प्रच म्नचरित्रि . शभवन््र संसछते शवरीं शताब्दी
१२. प्रद्य म्नचरित्र रतन चन्द्र संस्कत सं० १६७१
१३. प्रद्य म्तचरित्र मल्लिभूपण संस्कृत. १७वीं शताब्दी
१४. प्रद्य म्नचरित्र .वादिचन्द्र सर्झत «बीं शताब्दी
१५. शा्वम्रच म्न रास ज्ञानसागर दिन्दी १७वीं शताब्दी
५६. शास्त्रम्यू मत चौपई जिनचन्द्र सूरि दन्द श्वी शताब्दी
१७. अचु स्नवसित्र भोगकीर्ति संस्कत न्नं
१८. . प्रच्य स्नचरित्र जिनेश्वर सुरि सस्त ला
१६. प्रद्य म्नचसि्रि . यशोधर संस्कृत था
२०. प्रच स्तनचरित्र भापा .-. हिन्दीग्य -
२१. प्रदय.स्तप्रवन्ध देवेन्द्रकीर्ति दिन्दी सं १५२२
२२. प्रच स्नरास ... मायाराम हिन्दी . सं० १न१८ :
२३. “ शाम्बप्रचम्न रास दपेविजय . हिन्दी. : सं०शन्छर्
२४, प्रय॒ स्नप्रकाश शिवचन्द हिन्दौ सं १८७६
२५. प्रच म्नचरित वख्तावरिह हिन्दी दी गद्य सं० १६१४
उक्त रचनाओं के आधार पर यह कद्दा जा सकता हैं. कि स्वतन्त्र रूप
से मदासेनाचाये ( ११ वीं शनाददी ), के. संस्कृत “प्र्ू मल चरित्र' एवं सिंह
कवि के झपश्रश पउ्जुण्णकद्दा ( १३ वीं शताब्दी ) के पश्चात् द्विन्दी सें
User Reviews
No Reviews | Add Yours...