पुराणसार संग्रह | Puransar Sangrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
222
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषयानुक्रम
भरतका नगरमे प्रवेश
पच्छम सग
आदिनाथका घर्मोपदेश व निर्वाणएकल्याणक
निर्वाण कल्याणककी पूजा
चृषभसेन गणधर दाय भरत चकवर्तीको सम्बो-
घना श्रौर अपने सहित सबके पूव भव कहना
मरत आदिक वैराग्य व मुक्तिलाभ
भगवानका तीथ-प्रवर्तन काल
पुराणका लक्षण
भगवानके दश भवका क्रमनिदेंश
चन्द्रमभ चरित
शीपुरके राजा श्रीषेण आर धीमतीकी कथा
श्रीमतीकों स्वप्लोंके फलस्वरूप श्रीवर्मा पुचरकी प्रापि
श्रीवर्माकों रानी श्रीकान्तासे श्रीघर पु्रकी प्रापि
शीषेणका दीक्षित होना व श्रीवर्माकों राज्य-प्राप्ति
श्रीवर्माका उल्कापात देखकर विरक्त होना
श्रीवर्माका श्रीप्रभ विमानमे श्रीघर नामका देव होना
शीघरदेवका अर जितंजय श्रौर श्रीदत्तारानीके यहाँ
श्रजितसेन नामका पुत्र होना
अजितसेनको जयद् रानीसे जितशु नामक
युत्रकी प्राति
जितसेनको चक्ररत्तकी प्राति तथा दिग्विजय
श्रनितसेनकां दीक्ित हो शरीर त्यायकर श्रच्युत
कल्प प्रतीन्द्र दोना
अच्युतेन्द्रका कनकाभ राजा तथा कनकमाला
रानीके घर पद्मनाभ नामक पुत्र होना
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