हम्मीरायण | Hammirayan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Hammirayan by डॉ. दशरथ शर्मा - Dr. Dasharatha Sharma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ. दशरथ शर्मा - Dr. Dasharatha Sharma

Add Infomation About. Dr. Dasharatha Sharma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
( ६२ ) मैथिल कवि विद्यापति की पुरूष परीश्चाः प्रन्थ के दयाबीर कथा में कीर हम्मीर का व्रतान्त पाया जाना है । पुरुष परीक्षा अन्थ अब भप्राप्य सा है, इसलिये मारे अन्धाय के प्राचीन संस्करण से दुयाङ्गीर कथा को इन्दी बजुवाद के साथ परिशिष्ट नं ३ में दे दिया गया है । हम्मीर सम्बन्धी अप्रकाशित रचनाओं में कवि महेश के इम्मीर रासे की दो जरुटित प्रतियाँ हमारे सम में है । उस ग्रन्थ की कई पूर्ण प्रततियां -राजस्थान प्राच्य विद्याप्रतिष्ठान, जोधपुर भादि के संग्रह में हैं उनकी प्रति- लिपि प्राप्त करने का मी प्रयल किया गया पर उन प्रतियों में अत्यधिक पाठ भेद होने से उसका सतंत्र सम्पादन करना दी उचित सममा गया अनतः इसमें सम्मिलित नहीं किया गया । इम्मीरायण नामक एक मौर काव्य भी प्राप्त है जिसकी एक अछ्ुद्ध-सी प्रति राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान ने ओर उसके बृहद्‌ रूपान्तर की प्रति- लिपि स्वर्गीय पुरोहित हरिनारायण जी के संग्रह में है, बढ़ ग्रन्थ काफी चढ़ा होने से मुरनिर्जिनविजय जी ने श्री अगरचन्द जी नाहटा के सम्पादन में राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान से प्रकाशन करना निणय किया है । हम्मीरदेष चचनिका नामक एक भौर महत्वपूणं रचना की प्रतिश्री उदयश्क्कर जी शास्त्री के संग्रह में है, उसका भी स्वतन्त्र रूप से वे सम्पादन कर रहे हैं इसलिये उसका उपयोग यहां नहीं किया जा सका है । माननीय डा ० दशरथ शर्मा ने इस ग्रन्थ की विस्तृनब शोधपू्ण प्रस्ना बना लिख देने को कृपा की है इसके लिए हम उनके अत्यन्त आमारी है । प्रकाशित रचनाओं का कथासार देने का विचार था, पर उसका समावश डा दशरथ जी की भूमिका में हो गया है भनः इस प्रन्थ के प्रप्ठों को अनावश्यक ढ़ाना उचित नहीं समका गया । भवरलाल नाहटा




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now