अहिंसा तत्त्व दर्शन | Ahinsha Tattv Darshan
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
324
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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मुनि नथमल जी का जन्म राजस्थान के झुंझुनूं जिले के टमकोर ग्राम में 1920 में हुआ उन्होने 1930 में अपनी 10वर्ष की अल्प आयु में उस समय के तेरापंथ धर्मसंघ के अष्टमाचार्य कालुराम जी के कर कमलो से जैन भागवत दिक्षा ग्रहण की,उन्होने अणुव्रत,प्रेक्षाध्यान,जिवन विज्ञान आदि विषयों पर साहित्य का सर्जन किया।तेरापंथ घर्म संघ के नवमाचार्य आचार्य तुलसी के अंतरग सहयोगी के रुप में रहे एंव 1995 में उन्होने दशमाचार्य के रुप में सेवाएं दी,वे प्राकृत,संस्कृत आदि भाषाओं के पंडित के रुप में व उच्च कोटी के दार्शनिक के रुप में ख्याति अर्जित की।उनका स्वर्गवास 9 मई 2010 को राजस्थान के सरदारशहर कस्बे में हुआ।
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पहला अध्याय
१-8२
*# अहिंसा के स्रोत और विकास कौ
आधार-भूमि
# अहिंसा की भावना का आधार
* धर्म और पुण्य
* निवर्तक-धर्म का स्वरूप
* प्रवर्तक-धर्म की तुलना में
+ अहिंसा का सामुदायिक प्रयोग
* अहिंसा ओर दया
* अहिंसा और दया का क्षेत्र-मेद से
भेदाभेद
+ अर्हिसा का व्यामोह
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