थेर - गाथा | Thear Gatha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.74 MB
कुल पष्ठ :
135
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)को थेरो [ ५
चेलट्ठसीसो थरो
सिद्धी यदा होति महग्घसो च निद्दायिता सम्परिवह्तसायी
महावराहों व निवापपूटुठों पुनप्पुनं गब्भमुपेति मन्दों 'ति 1१७1
दासकों थरो
अहू बुद्धस्स दायादो भिक्खू भेसकठावने
केवल अट्रिसब्जाय अर्फार पढ्वि इमं
मझ्डो हूं कामराग सो खिप्पमेव पहीयतीति ।1१८॥।
सिंगालपिता थरो
उदक हि नयन्ति नेततिका उसुकारा नमयन्ति तेजन,
दारु नमर्यात्ति तच्छ॑का, अत्तान दमयन्ति सुब्यताती 'नि 11१९)
कुकी थरो
मरणे मे भयं नत्थि, निकम्ती नत्थि जीविते,
सन्देहूं निक्खिपिस्सामि सम्पजानों पतिस्सतों 'ति ॥॥२०॥
वर्गों दृतियो
उद्दानं
चुनवच्छे। महावच्छो बनवच्छों च सीबको
कुण्डमानों च वेनट्ठि दासको च ततों परं
सिड्ठान पिनिकों थेरो कुल्नों सर अजितों देसा पति ॥२०॥
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