पारसमणि | Parasmani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
28 MB
कुल पष्ठ :
528
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषयालुक्रमणिका
परचाभाप्त ~ ~ ~ थ द १
न्रथस् उल्लास
अपने आपकी पहचान
१, भगवत्साक्षात्कारके लिए श्रपने नो पहचानने की श्रावश्यकता €
२. जीवके वास्तविक स्वरूप श्रौर श्रात्साभ्पासका वर्णन .... १२
३. जीव की सेना ... ~ ^ (4 .... १७
जीवके चार प्रकार के स्वभाव ... „ २२
५, मानव की विशेषतवा-दिखा, विद्ाफे भेद तथा श्रन्वरहष्टिकी
प्राप्ति का साधन .... २७
६. मानवकी दूसरी विशेषता--दलं श्रार उसके भेद ... .... ३६
७. श्रनुभव-ज्नानकी महत्ता तथ शरोर विज्लानकी त्रायश्यकता....४१
८. देहहृष्टिसे मानवक्ती हीनता श्रोर पराधीनता ... „५३
द्वितीय उल्लास
भगवान् को पहचान
१. शरीर श्रौर संसारकौ वस्तुर्रोपर विचार करनेसे भगवान्की पह-
चन १९
२. भगवान्की शुद्धता श्रौर तनिलपताको पहचान .... .... द
३. भगवान और जीचके सास्राज्यो का चवणन .... ^ द
शरीरबिज्ञातियों श्रौर ज्योतिियोंके सनोंकी समीक्षा तथा भग-
वान के राज्य श्रौर उनकी व्यवस्थाका वणन .... ....७ ९
५. सगवत्स्तुतिपरक चार वाक्यों का विवरण. .... . ७८
६. संतमागंसे विपरीत चलनेवाले सात प्रकारके सर्खोका वर्णन
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