अशोक के धर्म लेखा | Ashok Ke Dharm Lekha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
152
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अशोक का ऐतिंदासिक वसेन छः
अगोक के घर्मलेखो में कही कही ऐसे लोगो और ऐसे देशों का भी उल्लेख
है, जो उसके साम्राज्य के वाहर थे । एक स्यान पर् उनका उल्छेख “अपराजित”
(अर्यात् न जीते हुए) के रूप मे किया गया है । अनोक वे साम्राज्य कै वार् वाले
कुखदेगो का उल्येख चिनेप स्प स्ते धमलेखो भे है दलिण मे फेला एक दे चोड
या चोल लोगों का था, जो मद्रास राज्य के दक्षिणी भाग में तजवूर-तिरुचिरप्पल्ली
में था तथा ऐसा एक दूसरा देग पाण्ड्य छोगों का था, जो मद्रास राज्य के दक्षिणी
भाग में मद्ूरे-रामन्यपुरम्-तिरुनेस्वेली के क्षेत्रमें था। अदोफ के धर्मठेस में केरलपुत्र
और सत्यपुत्र नामक स्वतन्न राज्यों का भी उल्लेख आया है, जो दक्षिणी भारत
के पश्चिमी तट पर मलयालम भाषा-भापषी क्षेत्र में स्वित थे । भारतवर्प के दक्षिण
में ताम्रपर्णी या श्रीलका का भी उल्लेख धर्मलेख में हुआ हैं। जशोक के साम्राज्य
फे पश्चिम में यूनानी राजा अन्तियोक जर्थात् परिचमी एदिया का राजा ऐन्टीजकस-
थिमस (२६१-२४६ ई० पू० ) बौर उस अन्तियोदा के चार पड़ोसी राजा तुरमाय
या तुलमाय जरचात् मिध का राजा टालेमौ फिलडें्फेम (२८५-र४७ ई० पु० ), अन्ते-
विने या अन्तिविनि ज्यात् मैस्िडोनिया का राजा एन्टिगोनन गोनेटन (२७७-२३९
६० पृ०), मकायामगा अर्यात् उत्तरौ अफीका में साउरीनी का राजा मगस
(२८२-२५८ ई० पू०) ओर अकिकिमुन्दर अर्थान् रपार्स्त का रजा एचकूजेडर्
(२७८२१५५ ई० ¶०} जयवा कारिल्य का गाजा एलेवसेण्डर (२५२-२४४ ‰०
०} का भौ उल्टे स्वतन्त्र राजाओ के रुप में हुभा है ।
अथोक ने अपने घर्मदेस में कुछ ऊचे राज्याघिकारियों या अफसरों का उन्लेख
भी शिया है, जो “महामाथ” कहलाते थे । वे मित्र भिनर अधिकारों या कार्यों पर
नियुत वे--यया कु महामात्र फिमौ नमर के न्पाय-विभाग दंग कार्य दयते चे,
कुछ महामाप राजपरिवार को स्नियों के सम्बन्ध में लायश्यक वानों की देखभाल
फरते ये तमा कु महामायं साम्राज्य के सोमावती प्राते का भ्रवन्य करते थे ।
लोक नें एक धर्म-तम्बन्पी चिभाग भी स्थापित फिया था जो 'घर्ममहामान नामक
अधिफारियों के अधीन रवग्या गया था) राजदून भी सम्भवत' इन्हीं महामातों
में से नियुक्त फिये जाते थे । लन्य दुमरे उच्च सथिकारी, दिन उन्न सयो के
घर्मलेजो में आाया हैं, “प्रादेशिक”, “रज्जफ” भौर प्त नान के पे, चो प.
चित् उस से पिलो ये समूह में, एफ एम जिले सें नया जि के एव एफ भाग हें
सथिकारैया हादिम नियुक्त थे । इसी प्रकार जिले के एक एक भाग में एक
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