डाक्टर | Daktar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
134
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पहला श्रंक १७
पदा
(जागकर) श्रभी जाती हूँ । भ्रभी
(तेजी से जाती है । दादा एकदम कुर्सी पर गिर पड़ते हैं । कई
क्षण सं्ञाहीन से न्य सें ताकते है । तभी निग होभ का सेवक रासु
वहां भ्राता दहै । भस्त, चिन्ताहीच २० वर्षीय युवक, हाथ में श्राज
की डाक है । ठिठकता है 1)
राम्
दादा ! दादा 1
दादा
(चौक कर तीव्रता से) वया है ?
राम्
डाक है, दादा !
दादा
यही रख दो ।
रामर
जीहाँ। रख तो देगा ही । (रखता है) वह जो नया
मरीज श्राया, हालत उसका ठीक नहीं । बराबर उल्टी, कै,
वसन, डाक्टर कहता उसको” दौरा है । दादा ! दौरा तो
घूमने को बोलता । उसका पेट घूमता...
दादा
(चीख कर) तुम नही जाप्नोभे
रास
जायेगा, दादा ! जायेगा नहीं तो श्रौर क्या करेंगा ।
पूरा श्राप ऐसा गुस्सा क्यो होता, श्रौर हम बता देताकि
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