नींव की ईट | Ninv Ki It
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
83
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about चन्द्रवती ऋषभ सैन जैन - Chandravati Rishabh Sain Jain
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)र४ कहानियाँ चुनी जाएँ तो यह झ्ासानी के साथ उन में
स्थान पा सकेगी ।
अपनी भूमिका में उन्होंने कहा है--
“इन कहानियों में कल्पना के करिश्मों का
अभाव है । ये सब मेरे या मेरे साथियों के जीवन की
घटनाएँ हैं । इन के पात्र मेरी 'सष्टि' नहीं है, मेरे
'कामरेड' हैं । वे मेरे साथ हसे, खेले और रोये ।
मैं उन में और वे मुझ मे बराबर डूबे रहे । लिखते
समय मुमे कभी नददीं लगा कि में लिख रही हूँ ।
सन्दलसिंह से मैंने बाते कीं, चच्छल से चुइल श्र
श्रञ्जनहारी, ललिता श्नौर मींकती के साथ म रोई!”
श्रपने पात्रों के साथ उन का यह तादात्म्य ही उन की
सफलता की छुञ्जी है । यह् तादात्म्य उन्हें झपने हृदय की
सहानुभूति का उत्सर्ग अपने पात्रों के प्रति करने में सहायक
होता है । उन के व्यक्तिगत जीवन में सहानुमूति, सहृदयता
श्मौर स्तेह का यह श्रखरड भण्डार उन्हे प्रकृति से मिला
है । विगत बीस वर्षों में, बे बरावर फूलों में रही हैं, पर
बे अपने हाथ से कोई फूल तोड़ नहीं सकतीं । उन में
अनेक बार इस अमिलाषा का उदय हुआ है, वे ब्त के
पास तक गई हैं, मन ने प्रेरशा की है, पर उन के संस्कार ने
कसुलियों को सहारा नहीं दिया । उन के शरीर पर काटते
मच्छर को भी कोई उन की जानकारी मे नहीं मार सकता
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