अनिमा | Anima

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : अनिमा  - Anima

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्री सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' - Shri Suryakant Tripathi 'Nirala'

Add Infomation AboutShri Suryakant TripathiNirala'

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१३ खुन्दर हे, खुन्दर ! दशेन से जीवन पर चरसे ्रविनश्चर स्वर । परसे ज्यों पराण, फट पड़ा सहज गान, तान-खुरसरिता वही तुम्हारे मज्ल-पद छूकर । उटी है तरङ्ग, वहा जीवन निस्सङ्ग, चला तुमसे मिलन को खिलने को फिर फिर भर भर । - 9 3 ६




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now