ललितपुर जिले का सामाजिक - आर्थिक इतिहास | Lalitpur Jile Ka Samajik Aarthik Itihas

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Lalitpur Jile Ka Samajik Aarthik Itihas by महेन्द्र मोहन अवस्थी - Mahendra Mohan Awasthi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गम “ललिता” ललितपुर” नाम का सर्वप्रथम उल्लेख ”आइने अकबर * प्राप्त होता है । अबुन फजल ने यूबा पप्रातिप्ठ मालवा में तीन सरकारों का वर्णन किया है जिनके नाम हैं, चन्देरी, गरहा एवं रायवेन । परगना ललितपुर, चन्देरी सरकार में आता था । थनवारा एवं ललितपुर परगनों का क्षेत्र्ल 10977 बीघा था । इन परगनों से 6,19,997 दाम राजस्व पुाप्त ढोता था । यहाँ पर मुगलों की फ चौकी भी थी । इस चौकी में 200 पैदल सैनिन नक तथा 80 घुड़्सवार की एक टूकड़ी रहती थी । इसी... तरद रोधई |दुर्धाई| परगने का क्षेनन्ल 3,652 बताया है जिससे 20600... डर दी दाम का राजस्व प्राप्त होता था । यहाँ पर मुगलों की फ चौकी थी... . जहाँ पर राजपूत और गौड़ों की एक टुकड़ी 20 घुड़सवार, 700 पैदल. सीनिक रहते थे 1% चांदपुर और देवगढ़ गरहा सरकार के परणने थे जिनसे... लगन 9,00,000 दाम का राजस्व प्राप्त होता था । यहाँ पर भी एक _|- झाँसी गजेटियर 1965, ईशाबसत जीशी, पेज- | अबुले फजल, द्ाल० एच0 एस0 जेनेट और सर रक झ आअ्छ पर पेज 210 ,211 ,212,215*.




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