दूध - चिकित्सा | Dudh Chikitsa
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
198
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)घिषय-प्रय | ५
ओर दृव तुलना फी जाती है । परन्तु अड प्रोदीन माफी
प्रोटीन है यदि जररतसे अधिक सा ली जाय तो पचमेकि बाद
पर्ची! हुई प्रोटीन सडती है, मवाद या पीप पैदा करती है। सड़
कर पिपयेदा फस्ती है, उपरी फिपके प्रभायसे रक्त अम्लता
अधि हो'जाती है । दूध प्रोदीन यदि अधिफ सा की जाय तो
चष राउती नहीं बल्कि दुग्धारल या लैक्टिक एसिडमे मदल जाती
है । दुश्वाम्त स्यार यरो वढानेषाला है पायनशंक्तिकों सुधारने
वाता खोर आरोग्य वद्र ह,
प्राचीन काले भी अरडेके सम्बन्ध काफी सोजं हृं 4ी।
यण्कमे अणडेका भी णुण बताया गया है' योर इतना ही लिखा
गया है चह वीयं यद्रे । पीय व द होनेके कारा पिपयी
लोग घुर ताते दै मौ उन्हीके भाई बन्द उनकी तारीफ करते
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