लड़खड़ाती दुनिया एसी 4418 | Langkhadati Duniya Ac 4418
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
166
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शांति और साम्राज्य ध
बड़ी भारी मिक मालूम होगी । आपको पता चलेगा कि यदि किसी तरह
राजनीतिक उपायोंसे वह प्रक्रिया हो भी गई तो ऐसे कई अधिक बंधन रहेंगे
जो एक स्वतंत्र कांमनवेल्थसे मेर नहीं खाते ओर उनसे उन पराधीन लोगोको कोई
सच्ची स्वतंत्रता नहीं मिल सकेगी, यहांतक कि यदि वे अपनी आधिक व्यवस्था
बदलना चाहेंगे तो उसमें रुकावट आयेंगी और वे अपनी सामाजिक समस्याएं नहीं
सुलभा पायेंगे ।
में सोचता हूं, हममेंसे हरेक राष्ट्रोंके सच्चे कॉमनबेल्थक पक्षमें होगा!
लेकिन हम उसे कुछ ही देशों और राष्ट्रोंतक सीमित कर देना क्यों चाहें ? इसका
मतलब यह हुआ कि आप एक व्गंका विरोध करनेकं लिए दूसरा वर्ग बना रहे हे।
दूसरे शब्दोंमें आप साम्राज्यकी घारणापर नई रचना कर रहे हें और एक सा ज्ाज्यकी
* टक्कर दूसरे साम्नाज्यसे होती है। इससे एक समूहके भीतर लड़ाई होनेका खतरा
भले ही कम हो जाये, समूहोंके बीच लड़ाईका खतरा तो बढ़ ही जायेगा।
इसलिए अगर हम किसी सच्चे कॉमनवेल्थकी बात सोच रहे हैं तो फ़िर यह
जरूरी हो जाता है कि हम साम्राज्यवादके विचारोंको छोड़ दें और नये आधारपर
नई रचना करें--वह आधार हो सब लोगोंके लिए पूरी स्वतंत्रताका। ऐसी
व्यवस्थाकें लिए हरेक राष्ट्रको दूसरेके साथ-साथ प्रभुत्व (सत्ता) के कुछ चिल
छोड़ने होंगे। इसी बुनियादपर हम सामूहिक सुरक्षितता और शांति स्थापित
कर सकते हैं।
आज एदियामें, अफ्रीकामें और दूसरी जगह ऐसी एक विद्याल जनसंख्या है,
जो पराधीन है और जबतक हम उस पराधीनताको दूर न कर दे ओौर सान्नाज्य-
वादी विचार नष्ट न हो जायें, तबतक हमें मालूम होगा कि यही शांतिकी बगलमें
चुभनेवाला एक कांटा है।
अफ्रीका और दूसरे देदोमे मेडट (शासनादेश ) देनेकी प्रथा, मेरौ समभे
बड़ी खतरनाक बात ह; क्योकि वंह एक बुरी चीजको अच्छे नामर्मे छिपाकर रखती
है। संक्षेपमें वह दूसरे भेषमें साम्नाज्यवादी प्रथा ही है। एक शख्सकों दूसरेका
ट्रस्टी बनाना और उसे इससे नफा उठाने देना हमेशा खतरनाक है। यह हो सकता
है कि कुछ देशोंमें जहां आप पूरी आजादी कायम करना चाहते हें, वहां उसी
प्रकारकी सरकार उतनी जल्दी कायम न हो सके जितनी जल्दी दूसरी जगह
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