गाथा तिस्ता पार की | Gatha Tista Paar Ki
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
55.29 MB
कुल पष्ठ :
778
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गाथा तिस्ता पार की 19 एक रुपये में-लाटरी का टिकट ख़रीदिए। हर हफ्ते एक ड्रा। कौन जानता है हो सकता है इस बार आप ही के टिकट में फर्स्ट प्राइज एक लाख निकल जाये। एक रुपया देकर एक लाख । पर एक रुपया देकर एक टिकट तो आपको लेना ही पड़ेगा । दूसरे के टिकट पर आपको तो प्राइज नहीं मिलेगा न आइए एक रूपये में एक टिकट खरीदिए । दुकानदार ने बता दिया हाट के एकदम पीछे हाट कमेटी का शेड है। उधर जाने से पहले प्रियनाथ लॉटरी का टिकट बेचने वाले रिक्शे की तरफ गया । उसे देखकर लॉटरी वाले लड़के ने माइक में ही कहा आइए दादा कितना ? नहीं आप जरा सुनिए दादा। टिकट नहीं चाहिए। एक दूसरी बात है। क्या बात है दादा कहिए बात भी कहिए और एक टिकट भी लीजिए । मात्र एक रुपया वह लड़का सारा कुछ माइक मे ही कहे जा रहा था। पर प्रियनाथ की आवाज माइक तक नहों पहुँच प। रही थी । इसलिए प्रियनाथ थोड़ा झिझक रहा था। उसने जल्दी से कहा सुनिए कल यहाँ बंदोबस्ती हालका कैंप लगने वाला है। कैसा कैंप बंदोबस्ती कैंप सेटलमैट का । यहाँ के जमीन की मपाई होगी । कौन-सी जमीन किसकी है-यही सब। और फिर किस जमीन पर कौन खेती कर रहा है-यहीं सब रिकार्ड में दर्ज किया जायेगा। यहीं बात अगर आप माइक में कह दें तो सब लोगों को ख़बर हो जायेगी । यानी कोई कल्चरल फंक्शन होगा ? क्या ? फक्शन वहाँ यानी कोई आर्टिस्ट आयेगा ? अरे नहीं नहीं। यह तो सरकारी मामला है। क़ानूनी चात है। फंक्शन-वंक्शन नहीं । फिर सबको बताने की बात क्यों कह रहे हो ? बताया न जमीन की मपाई होगी। रिकार्ड में दर्ज होगा। ऑपरेशन बर्गा। यह सब तो पार्टी-वार्टी का मामला है सर । हम लोग किसी पार्टी के नहीं हैं। दादा एक टिकट का दाम मात्र एक रुपया है। पर इसके बदले आपको एक लाख रुपया मिलेगा । लड़का अपने उसी सुर में घोषणा करता गया। फिर थोड़ी देर रुककर प्रियनाथ की ओर देखकर बोला फंक्शन 7 सही लोग तो आयेंगे न ? सो तो आयेंगे सबको मालूम हो जाये इसीलिये तो आपसे एनाउंस कर देने को कह रहा हूँ। वह तो कर दूँगा। पर मुझे भी चांस मिलना चाहिये। टिकट बेचूँगा । जखूर-ज़रूर आप लोग कल सुबह से ही आ जाइएगा।
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