रूसी साहित्य का इतिहास | Rusi Sahitya Ka Itihas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
90 MB
कुल पष्ठ :
409
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२. उन्नीसवीं शती से पूर्व का रूसी साहित्य
_... 'ईगर की सेना का गीत'
.. ईगर की सेना का गीत' प्राचीन रूसी साहित्य का महत्वपूणं
ग्रंथ है जो साढ़े सात सौ वर्ष से अधिक पुराना है। इसमें बारहवीं शती
के अन्त के रूसी जन-जीवन की कतिपय ऐतिहासिक घटनाओं का
काव्यात्मक वणेन प्रस्तुत किया गया ह ।
भ्राचीन रूसी राष्ट्र का संघटन
प्राचीन रूसी राष्ट का नवीं शताब्दी में संघटन हुआ ओर बाद
की (ग्यारहुवीं, बारहवीं) शताब्दियों मे उसकी राजनीतिक शक्ति ओर
सस्कृति का अभ्युदय ओौर विकास हुआ । कई जक तथा स्थल मार्गों के
संगम पर स्थित होने के अनुकूल भौगोलिक परिस्थिति के कारण
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श्राचीन रूस का पड़ोसी राष्ट्रों के साथ अंतर्राष्ट्रीय. संबंध बढ़ा और
उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई । इस प्राचीन रूपी राष्ट्र की सबसे
अधिक उच्ति ब्लदीमिर स्वितोस्लाविच और उसके पुत्र बुद्धिमान”
यारोस्छाव के समय में हुई, जब कि इसकी सीमाएँ बाल्टिक तथा
₹वेत समुद्र से काके समुद्र तके ओर कापंथियन प्वतमाला से लेकर
बोत्गा के (ऊपरी) तटों तक फली हई थीं ओर कीव का नगर इसके
राजनीतिक तथा सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विद्यमान था । यह् उस
समय के यूरोप का सबसे अधिक शक्तिशाली राष्ट्र था ।
` ब्दीमिर स्वितोस्लाविच के समय में ईसाइयत राष्ट्रीय धर्म बन
गया । ईसाइयत को स्वीकार कर लेने से रूस का संबंध बाइजेंटाइन
तथा अन्य ईसाई राष्ट्रों से और भी घनिष्ठ हुआ तथा उसकी संस्कृति
ओर भी अधिक विकसित हुई।
इस प्राचीन रूसी राष्ट्र के संघटन के युग में लोक-साहित्य की पर्याप्त
रचना हुई। लोक-प्रबन्ध काव्य “'बिलीना' कथाओं तथा जन-कहानियों
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