एक प्लेट सैलाब | Ek Plet Sailab
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
160
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)नई नौकरी रै
“क्य नही निभना?
प्य रवा मेरे चम कानी है। कितना मिटटी फील करतों हूँ 1
बिना तैयार किये पढाना, लगता है जसे लड़कियों को चीट कर रही है ।
दो घण्टे का समय भी तो मुझे झपने लिए नहीं मिलता 1”
वुस्दन सोच रहा था कि रात में रा के साथ दह एसनएक कमरे की
श्रेज करने की योजता बनाएगा । कलर-ह्कीम के लिए उसने उरमन-
निकलसन वालों से बात की थो । रसा की बाते सुनी तो चुप रह गया ।
्नण्टी की रिपोर्ट देखी रे हमेसा फस्ट माया करता था, इस बार
सेविन्व भागा है ।”
बगल में लेटकर रमा को भपनी भोर सीचते हुए गुन्दन मैं बुत
प्यार-भरे लहडे में बह्ा--“तो तुम उसे पढ़ाया करो 1“
“कय पढ़ाया करूं, तुम्ही चतामी ! शाम को पाँच से सात थे का
जो समय मिलता है, उसमें बह सेलने जाता है 1
तो चुम्ही बतायी मैं बया करू 7” कानोौमेहाप फर दृष् कन्द
ने बहुत ही मुलायम स्वर में पूछा ।
“कत मुभे पेपर पदन दै । पर्दद दिन पहले डॉपिक मिल था । एक
लाइन भी नहीं सिसीं है” म्व कीई गुढा बदराना ही तो बनाना पहेगा 1”
बुन्दने को उगलियाँ बालों पर से उतरकर गासों पर फिससते सीं
“दंग सात पूरे हुए'* छ , पाठ महीने मे पसथरनी थीसिस समसिट बेर
इंती तो मेरा सियेक्यन-परेड में पाना निरिचत ही था, पर ऐसी लत रही
शोर
` स्मरो पढ़ी 1
हर बहीं बुर्दन के बानों में हो० फिशर के रद गूंज रहें थे-जनवरी
मे जरगनी से शाइरेइटर भाने षानेहै, हमे ण्डका सारा भाम दिवाना
होगा । एक नया सदा विडनि की भो योजना है, उसके वि् कुछ रिम
पस्विदच सोगो की चर्य होगी सिर रदाई दंग मैं है दिसतेस में
ह.
User Reviews
My Habits With Mayank
at 2020-09-02 02:38:28"Very nice"