चन्दन की सौरभ | Chandan Ki Saurabh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
450
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
जैन सिध्दान्ताचार्या - Jain Sidhdantacharya
No Information available about जैन सिध्दान्ताचार्या - Jain Sidhdantacharya
साध्वी चन्दनवाला - Sadhwi Chandanwala
No Information available about साध्वी चन्दनवाला - Sadhwi Chandanwala
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)न १९ -
भोला नर ने भरमाया,
स्यू कपट घरम प्रभु फरमाया ।
इस प्रकार चन्दन की सौरभ वी सभी रचनाएं जीवन के प्रत्येक क्षेत्र एव
प्रत्येक पप् को समुझत वनाने की पुनीत प्रेरणा प्रदान वरती हूँ । काव्य के भाव
पक्ष मौर कलापक दोनों हौ दृष्टियों से यह सप्रहू मुल्यवान है । राजस्थानी
साहित्य के क्षेत्र में घन्दन की सौरम अपना विशिष्ट स्थान प्राप्त करेगी, ऐसी
माशा है ।
मैं परम विदुषी महासती श्रो शीलकुवर जो कौ सुदिप्या महासती चन्दन-
वाचाजीको हृदय से ध-यवाद दिये विना नही रह सक्ता जिन्ोने प्राचीन
जन कवियों के चरिधो षा सुदर सकलन किया है । सक्लन मुदर दै, वालक
से तेकर वद्धा तक पे लिए उपयोगी है । सम्पादन, आकलन अपने आप मँ एक
कला है, आनेवाला युग प्रस्तुत सम्पादन का गौर महासतो च-दनवाला जी
कौ प्राचीन चरियों के प्रति गहरी निष्ठा वा समादर क्रेगा। भाम्यतर
सुदरता के साथ पूस्तक मी बाह्य सुन्दरता मौ चित्ताकपक है। में झाशा
करता हूं महासती चदनवाला जी भविष्य में मौलिक साहित्य का निर्माण कर
जन साहित्य कौ श्रौवृदि फर यशस्वी वने ।
जेन स्थानक रविवार पैठ -देवेद्रमुनि, शास्त्री
नासिक सिटी, फरवरी १६६६ साहित्यरत्न
User Reviews
No Reviews | Add Yours...