रवीन्द्र संगीत | Ravindra Sangeet

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Ravindra Sangeet by राधेश्याम पुरोहित - Radheyshyam Purohit

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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स्वरुप गीत '्ररी बधू सुन्दरी ररे श्राश्रो रे श्राज बषेण॒ मुखरित श्राज वसंत जाग्रत उस श्रा सन तले श्रो भुवन मन मोहिनी श्रोटे गृहवासी भरे-भरे-भरे-रंग का भरना ६. तुम कुछ दे जाश्रो १० तुम्ददारे श्रसीम में {१ दूर गाँव से १२ ध्वनित श्राहान १३ नमो नमो नमो करणाघन ६४ प्रखर तपन ताप से १५ बादल धारा चली ग १६ बादल बाउल बजा रहा रे १७ मेरा मन मेव का साथी १८ मेरे मिलन के लिये तू १६ मेरी मुक्ति श्राललोक में रे २० वायु बह जोर-जोर २१ बीणा मेरी कोन.सुर गावे २२ शरत श्रालोक के २३ सावन गगन में घोर घनघटा २४ हिसा से मत्त प्रथ्वी २५ होगी जय, होगी जय २६ परिशिष्ट 1 & ~» ^< ५ ८ ९) ~< राग कालिंगढ़ा-रामकली छरदाना-बहार) मिश्र पंचम वसंत मिश्र बहार मिश्र कीतेनांग भेर भेरवी भिश्च कल्याण प्रकार बद्दार श्रढ़ाना मिश्र पीलू खम्माज बिहाग मांड मिश्र खट मिश्र गोड़मल्लार मिश्र भीमपलासी, मुलतानी, मेरवी मिश्र पीलू मिश्र बिहाग, खम्माज महार भिश्र वागेश्री बहार केदार यमन-भुषाली भेरवी मिश्र कालिगङ्ा-रामकल्ली मिश्र एक प्रकार की सावनी महज्ञर मेरवी -मिश्र ्प्रासावरी -भेरवी मिश्र जे ० स ७9 ७७ ७ ६९ १०६ २१ ६७ ७३ ६३ १०६ ८९ २५ ४४ ५५ २५ ५१ ८६ ११४ ८५ २९६ ६ ४१ ६९ १०६ ११७




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