सप्त सरिता | Sapt Sarita
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
217
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)समुद्रयु्त पराक्रमांक
[भाडागार का बाहरी कक्ष ! दीवालों पर श्रनेक चत्य-सुद्राओं में न्ते-
कियों के चित्र हैं | स्फटिक पत्थरों के 'स्तंभों पर दीपों का आलोक दो रहा
है । पीछे लोद-दंडों से बना हुश्रा परिवेषणा है । „ .
मंच के वीच में समुद्रगुप्त खड़े हुए हैं । शरीर पर श्वेत श्र पीत परि-
धान 1 रल्नजटित शिरोभूषण, केश उन्मुक्त । पुष्ट वचस्थल जिस पर र्नो के
दार १ कटिवन्ध मेँ खडग | उनकी सुदा गभीर दैः ।
उनके दादिनी श्नोर संदल ॐ राजदूत धवलकौति शरोर राज्य के मदान-
लाघ्यच कोदण्ड हैं रर वाह ओर भाडागार के श्रधिकरण मणिभद्र हैं ।
धवलकीतिं का पीत, मणिभद्र का श्वेत श्नौर कोदरड का नील परिधान है ।
कोदराड सैनिक-वेश में है । द्वार पर शस्त्र लिये हुए प्रदरी 1 समुद्रयुप्त धवलकीतिं
को संबोघन करते हुए कहते हैं । )
समुद्रयुत्-तो अब यद्द निश्चय है कि भांडागार में वे रहे
नहीं हैं
` धवलकीतिं--यदह तो श्रापने स्वयं देखा, सम्राट् ! किन्तु भांडा-
गार से इस तरद् चोरी दो जाना आ्यैजनक ; है 1 भांडागार
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