अपराध चिकित्सा | Apradh Chikitsa

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Book Image : अपराध चिकित्सा  - Apradh Chikitsa

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ग्‌ ं अपराध चिकित्सा कि नकल सफरवमागातत विन नकालिम न कानूनों के अनुसार सुजरिम करार दिये जाते हैं, उन्हें दंड देकर उन कें जुर्मी से समाज की रक्षा करना प्रत्येक सभ्य सरकार का कर्तव्य साना जाता है। समाज-रक्षा के नाम पर ही संसार के ससस्त कानून, दंड विधान, पुलिस श्र न्यायालय रचे गये हैं, ' ब््ौर यही उद्देश्य चता कर उनमें नित्य नए- परिवर्तन और परि- बद्धन होते रदते हैं। तथापि यह एक राम्भीर श्रश्न है कि इन समस्त कानूनों, दूंड विधानों, और न्यायालयों द्वारा संसार के जुर्मी में किसी प्रकार की कमी, श्रौर 'उस के द्वारा ससाज की रक्षा; होंती है या नहीं। संसार के 'झविकांश देशों में सैकड़ों ्ौर सदस््रों व तक इस प्रकार के कानून रहें हैं, छर कहीं कद्दीं झव भी हैं, जिन के झलुसार प्रचलित घार्मिक '्ाचार विचार से 'झथवा शासकों के धार्मिक ाचार विचार से, मिन्न आचार विचार रखने बालों को दृंडनीय समझा जाता है । इतिदास से साफ पता चलता है कि गतःदो दजार वर्ष के अन्दर एशिया तथा योरप के विविध देशों सें इस तरदद के कानूनों द्वारा लाखों दी मनुष्य केवल 'अपने धार्सिक विचारों अथवा व्यवद्दारों के कारण अपने 'देशों से निंकाले गये, जिन्दा जलाये गये, अथवा तरह तरदद की यंत्रणा देकर सारे गये। राजनैतिक दोद्न में तो इस समय भी प्राय: प्रत्येक देश के 'झन्द्र इस तरह के कानून मौजूद हैं, जिन के झन्ु- सार सामयिक शासकों के विरुद्ध, विचार झाथवा 'छादश के प्रचार करने वालों को मुजरिम तथा दंडनीय करार दिया जाता है । पराघीन देशों में झपनी प्यारी लन्मभूसि को स्वाघीन करने की




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