हांस्यां हरि मिले | Hansyan Hari Milea
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
164
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about नृसिंह राजपुरोहित -Nrisingh Rajpurohit
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)वाईैसिकल
एक गामठी झादमी पोतारी बेटी ने सहर में परणाई।
जमाई ससुर कने एक बाईमिकल री माग कीवी ।
ससुर जमाई री वात सुणी तो पाछो जवाब भेज्यो--
जमाई सा में अरज कीजो के वाई तो एका-एक ही, सो श्रापनं
परणाय दो धर सिकल तो जिसी भगवान दीवी जिको है, घरा
जाय नै नेहूचे सू देख लीजो ।
ॐ
राड अर रङड्वो
एक श्रादमौ पोतारी लुगाईने कहयो--रतिं तो म्हन
इसो खराब सुपनों श्रायो के महू रडुवी व्हैग्यो । लुगाई बोली--
घणो खम्मा थाने, थे क्यू रडुवा बणो, राड होवण ने तो महू स्यार
बेठी हू । जादमी रीसा बठनों बोत्यो -म्हवारे जीवता थका थू
राड किया बण सकं ?
लुगाई बोली-तो श्राप म्हारं जीवता थका रवा किया
बणग्या ?
थक
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