हांस्यां हरि मिले | Hansyan Hari Milea

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Hansyan Hari Milea by नृसिंह राजपुरोहित -Nrisingh Rajpurohit

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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वाईैसिकल एक गामठी झादमी पोतारी बेटी ने सहर में परणाई। जमाई ससुर कने एक बाईमिकल री माग कीवी । ससुर जमाई री वात सुणी तो पाछो जवाब भेज्यो-- जमाई सा में अरज कीजो के वाई तो एका-एक ही, सो श्रापनं परणाय दो धर सिकल तो जिसी भगवान दीवी जिको है, घरा जाय नै नेहूचे सू देख लीजो । ॐ राड अर रङड्वो एक श्रादमौ पोतारी लुगाईने कहयो--रतिं तो म्हन इसो खराब सुपनों श्रायो के महू रडुवी व्हैग्यो । लुगाई बोली-- घणो खम्मा थाने, थे क्यू रडुवा बणो, राड होवण ने तो महू स्यार बेठी हू । जादमी रीसा बठनों बोत्यो -म्हवारे जीवता थका थू राड किया बण सकं ? लुगाई बोली-तो श्राप म्हारं जीवता थका रवा किया बणग्या ? थक




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