छन्दोंग्योपनिषद | Chhandogyopnishad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १५) श्रयोदश खण्ड ~ -अ १३८. आहगनीयाग्निविया = चतुर्दश चण्ड १३९. आचार्यका आगमन १४०. आचाय भौर उपकोसरका संवाद ^ पए्शचदश खण्ड १४१. आचायका उपदेश-नेत्ररिथत पुरुषकी उपासना १४२. अद्वेत्ताकी गति परोडश् खण्ड १४६३. यश्ञोपासना १४४, जझाके मौनमङ्गसे यञ्की हानि ४५, बह्माके मौनपाठनसे यशकी प्रतिष्ठा सपदृश सण्ड ९ ४ १४६. यज्ञ दोषके प्रायश्रि्तरूपसे व्याहतियोकी उपासना” १४७. विद्वान जद्माकी विधिश्ता ४५ | पश्चम अध्याय प्रथम खण्ड १४८. ज्येष्ठभेष्ठादिगुणोपासना गे १४९. इन्द्रियोंका विवाद १५०, प्रजापतिका निण॑य प १५१. घागिन्दियकी परीश्चा १५२. चश्चुकी परीक्षा १५३. श्रो्नकी परीश्चा “ ` १५४. मनकी परीश्चा १५७, प्राणकी परीक्षा और विलय १५९. इन्दिर्योद्ारा भराणकी स्दति + द्वितीय सखण्ड > ~ 4 १५७ प्राणका अन्ननिदेश =. था हक जैक ह १५८. आणकां वलनिरदेश ¢ के अ ५५ १५९. भआणवियाकी स्व॒त्ति १६०. मन्धकमं , , | श ४९४ ४१६ ४१७ ४२० ४२३ ५२८ ४२० “ ४२२ ४३४ ४१८ ४४३ ः ४४६ * ४४८ ' १०१ 1 ९ * ४५९ ४५५ ४५२. ५० न _ ४६३ ४६४




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