हिमकिरीटिनी | Himkireetinee

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Book Image : हिमकिरीटिनी - Himkireetinee

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सरना क्रितने निर्जन मे दसा, रे मुक्त हार वाणी के। कवि, मंजुल वीरा-धारी, मां जननी कल्याणी के। किस निर्फारिशी के धन हो ? पथ भूले हो किंस घर का? है कौन वेदना? बोलो! कारण क्या करुणा-स्वर्‌ का? मेरी वारा की कटुता धो डाल तरल तारों से, मैं तुक-सा पागल हो के, बह उद्‌ नयन:द्वारे से | सात




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