ब्रिटिश राष्ट्रमंडल का संक्षिप्त इतिहास भाग १ | A Short History Of British Commonwealth Part 1
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
92 MB
कुल पष्ठ :
919
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
रैम्ज़े म्यूर - Ramsay Muir
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हरिदत्त वेदालंकार - Haridatt Vedalankar
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१
ग्राद़िवासी शोर 'उनका संस्कृति
से प्रधम सम्पक
१. त्रिटिज्च द्वपसमृह् मरौर इसके सबसे पहले निवासी
इतिहास के उषाकाल से बहुत समय पूवे ब्रिटिश दवीपसमूह्
यूरोप की मुख्य भ्रूमि से मिला हुआ था तथा टेम्स और ट्रेन्ट राइन
की सहायक नदियाँ थीं । ब्रिटिश राष्ट्र-मण्डल के इतिहास की
प्रथम प्रमुख घटना उसका क्रमिक भौगोलिक परिवतेन है । भूगभं-
शास्त्रियों का कहना है कि ध्र्वीय हिम की विशाल टोपी पहले
कभी समस्त उत्तरी यूरोप के ऊपर फैली हुई थी, इसके पिघलने
के कारण समुद्र बढ़ गये और उन्होंने निचले मैदानों को, जहाँ
आजकल इंग्लिश चैनल और उत्तरी समुद्र है, अपने अन्दर ले
लिया । इस परिवर्तन ने यह निर्धारित किया कि ब्रिटिश भूमि
यूरोप का भाग होते हुए भी उससे कुछ पृथक रूप में स्थित रहेगी
तथा उसकी जातियों की--जिनको ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल कौ मातु-
जातियाँ बनना था--जीवन यात्रा कुछ पृथक चलेंगी । वे लोग
युरोपियन संस्कृति के प्रभाव से भले ही पूर्णतया पृथक न हों,
किन्तु फिर भी उन्दै अपने पड़ोसियों के सतत ॒सम्पकं तथा संघषं
से पृथक रहना होगा ताकि वे भ. गराभं एवं जीवनयापन के `
तरीकों का अपने ही ढंग से विकास करने में समर्थ हो सकें ।
इस प्रकार, यह् द्वीपसमूह् यूरोप के महाद्वीप से पृथक उत्तर-
पश्चिमी किनारे पर स्थित था जहाँ सिवाय विस्तृत तूफानी सागर
के और कुछ भी न था । प्राचीन लोग इसे गोल-चपटी भूमि का
छोर मानते थे । प्राचीन नक्शो में * महान ओशेनस नदी इस द्वीप-
१. देखिये--म्युर कृत स्टूडेन्ट्स एटलस ऑफ मॉडने हिस्ट्री की
प्लेट ४२ में दिये नक्शे । र
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