श्रीराम चरित मानस | Shri Ram Charit Manas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
28.78 MB
कुल पष्ठ :
414
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)घी ष् कु सनक हर २ बडा हलिकक/ का तक 34ढ/ 0942-0९ 99-60 ः के श्रीराफनाछादा फ्रइन क १५ हुं जरोरामशलाका प्रसन में जी चीपाइयाँ निकलती हैं उनको. फलसहित लिखते हैं-- सुच॒ सिय सत्य अझसीस हमारी । पूजहिं मन कामना तुम्हारी ॥१॥ प्रश्न उत्तस है काय॑ सिद्ध होगा ॥१॥ प्रविशि नगर कीज़े सब काजा । हृदय राखि कोशलपुर राजा ॥२॥ भगवान् का स्मरण करके काय॑ का आरस्भ करो सिद्ध होगा फल शुभ है ॥र२ । उघरे अंत न दोइ निबाहू । कालनेगि जिमि रावण राह ॥३॥ जो काय॑ तुमने विचारा उसके अन्त में भलाई नहीं फल मध्यम है ॥२॥ विधिवस सुजन कुसंगति परहीं । फणिमणि समनिजझुण अचुसरहीं॥४। खोटे मनुष्यों का साथ छोड़ो कार्य में विलम्ब है ॥४॥ .. होइहै वहे जो राम रचिराखा । को करि तरक बढ़ावे साखा ॥५॥ तपने कार्य को भगवान् के ऊपर छोड़ो कार्य होने में सन्देह है ॥४॥ मुदर्मंगलमय संत समाजू । जिमि जग जंगम तीर्थ राजू ॥॥। प्रश्न अच्छा है काय॑ सिद्ध होगा ॥६1| गरल सुधा रिएु करे मिताई । मोपद सिंधु अनल सितलाई ॥७9 ॥। प्रश्न अच्छा है शत्रुओं का नाश श्रवश्य होगा जि... व वरुण कुबेर सुरेस .समीरा । रण सन्युख धरि काहु न धारा ॥वो। काय सिद्ध होने में बहुत सन्देह है फल मध्यम है ॥८॥। सफल मनोरथ होईँ तुम्हारे । राम लषन सुनि भये सुखारे ॥४॥। सब मनोरथ सिद्ध होंगे घन की प्राप्ति होगी फल बहुत श्रेष्ठ है ॥॥९॥ कि वि 2... लि याद कया सन कहक- गए र्स्स न का दि नमािीटेगरद हम सका स- कला तकनीक रिस्हसतफसका फिण्स
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