काव्यानुशासनम | Kavyanusasanam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
459
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)काव्यानुजासनविषयानुक्रमणिका । इ
विषया, । मूहप्रन्थः । पृष्ठसेख्या ।
व्यश्यार्थरक्षणम्-- ३०
धुस्यायतिरिक्तः प्रतीयमानो व्यश्च ध्वनिः ।
व्यज्नयाथंमेदाः- ६
व्यङ्गयः शब्दारथशषक्तिमूरः ।
शब्दश्चक्तिमूरव्यज्नार्थः-- ४६
नानार्थसख युख्यस्य शब्दस्य संसगोदिभिरणुंस्यस्य च
बुख्यार्थवाधादिभिर्निंयमिते व्यापारे वस्त्वरंकारयोर्वस्तुनश्व
व्यञ्चकत्वे शन्द्शक्तिमुलः पदवाक्ययोः ।
जअ्थरक्तिमूखव्यज्चयार्थः-- ५४
वस्त्वलंकारयोख्द्रवञ्जकत्वेऽथंशक्तिमूरः प्रबन्धेऽपि ।
इति प्रथमोऽध्यायः 1
रसरक्षणम्-- ६७
विमावालुमावव्यभिचारिभिरभिव्यक्तः यायी भावो रसः
र्समेदाः-- ८१
शड्ारहास्यकरुणा रौद्रवीरभयानका बीभत्साद्ुतशान्ता
नव रसाः।
श्ङ्गाररसः-- र्
ख्ीपुंसमाल्यादिविभावा जगुप्सारसखौगरयवजैन्यभिचा-
रकि रतिः संभोगविप्रलम्भात्मा भृङ्गारः
हास्रसः--
विषतपेषादिगिमावो नासास्पन्दनादयनुमावो निद्रादि-
व्यभिचारी हासो दाखः
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