सरल भारतीय शासन | Saral Bhaaratiiy Shaasan

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Saral Bhaaratiiy Shaasan by भगवानदास केला - Bhagwandas Kela

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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9 सरल भारतीय शासन १--यनाम (गोदाघरी नदी के डेट्टे के किनारे पर ), २--मादह्दी ( मालघार के किनारे पर ), ३--कारीकल ( कारामंडल के किनारे पर), ४--पाडेचसी ( कारोमंडल के किनारे पर ), भोर, ४--चन्द्रनगर ( कलकत्ते के पास ) । इन सब स्थानों का क्षेत्रफल २०३ घग मील श्रौर, जन- संख्या पौने तीन लाख के लगभग है । इन स्थानों में पांडेचरी मुख्य है । यदी इन खव की राजधानी हे, जिसमें इनका प्रबन्ध करने के लिये पक गघनर तथा उसकी सहायताथं पक मन््ी, कुल्‌ विविध विभागों के सेक्रेटरी, श्रोर पक न्यायाध्यक्ष, रहते हैं । फ्रांस की भारतीय प्रजा की श्रार से दो प्रतिनिधि फास क्ती पालिमेन्ट भ्र्थात्‌ क़ानून बनाने वाली महासभा में भाग लेते हैं । पुतंगाल के ध्रधीन तीन स्थान हैं :-- १--गोवा--व( घग्बई के दक्तिश मे), २--डामन ( गुजरात के किनारे पर), ३- ञ्य ( काठियाघाड़ के किनारे पर ) । इन तीनों स्थानों का क्षेत्रफल केवल साढ़े चौदह सो घग मोल ्रौर जन-संख्या लगभग ह्वः लाख हे । इन स्थानों के लिये पक गघर्नर-ज्ञनरल, गोषा ( राजधानी ) मे रष्टता हे । उसकी प्रायः पाँच साल मे बदली होती है । उसकी प्रवन्धकारिशी मौर व्यवस्थापक दानो प्रकार की समाएँ हैं । यदह ध्रव तक ब्रिटिश भारत काही पक प्रान्त था) सन्‌ १९२५ हैण्के शासन विधान से इसे भारतवष से पृथक्‌ करके, इसके लिए पृथक्‌ शासन व्यवस्था निर्धारित कर




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