दार्शनिक विवेचनाएँ | Darshnik Vivechnaen
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
198
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about प्रो. श्री हरिमोहन झा - Prof. Shri Harimohan JHa
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भारतीय दर्शन और आधुनिक परिप्रेक्ष्य 3
संचित-प्रारव्ध रूपी कमंफलवाला सिद्धान्त पुर्वजन्म पर आश्रित है।
जमान्तरवाद खंडित होने से वह भी खंडित हो जाता है। और, इनके विना
मोक्ष काथ दही क्या रहं जायगा ? जब कमंबन्घन और आवागमन का चक्र
हौ नही, तव फिर निष्कृति या चुटक्रारा किससे ? इस प्रकार, आत्मा की भित्ति
टूट जाने से पुनजेन्म, कर्म और मोक्ष की संपूर्ण अट्टालिका ही ढह जाती है ।
यह अनात्मचाद आज के विज्ञान में घर किये हुए है। शरीर-विज्ञान, जीव-
विज्ञान, मनोविज्ञान, कोई भी “आत्मा का नाम नहीं लेता । दर्शन के क्षेत्र में
भी आत्मा पर ताकिक प्रत्यक्षवाद (1०8५2 ?०अ्७अफ) अणुवमों का
विस्फोट कर रहा है। माषा-विश्लेपण (णपा ५ # 08585) वाले
आत्मा' जसे शब्दो को निरेक (206279ह1685) घोपित कर रहे हैं ।
आत्मा चारों ओर से निष्कासित होरुर कु प्रव्ययवादियों (146०15४5) ओर
परामनोविदया (९००४ 59८0०1०४) वालों कौ शरण में अवस्थित है ।
कुछ आधुनिक विचारक अत्मा या श््रह्म' का नाम सुनते ही उबल पढ़ते
हैं । ने कहते हैं“ दुनिया इतना आगे वढ़ गई और हुमलोग वही पुराना ध्ूपद
अलापते जा रहे है-्रछ् सत्यं जगन्मिथ्याः | मजो, अब व्रह्म मिथ्या
जगत्. सत्यम्? किए । अयमात्मा त्र्य नही, जयसातमा भ्रमः । हमलोग
चलते-फिरते (५०००४१९) मशीन को तरह हैँ । सोचने की करिया भोः पांधिक
(2060080) 021) है । इस तरह अत्मा का खातमा हो रहा है ।
> न २
आज विचार के क्षेत्र में जो क्रान्तिकारी परिवतंन हो रहे हैं, उनसे हम
अपृक्त नदीं रह सकते । यदि भारतीय दर्शन की आत्मा को जीवित रहना है;
तो हमें आधुनिक चार्वाकों की चुनौतियों को स्वीकार कर, वैज्ञानिक स्तर पर
प्रत्युत्तर देना होगा । जीवाणुओं, कोशिकाओं (0615) और' ग्रन्थिस्रावों
(लानत ००००९५०१) मादिके द्वारा जो जीवन की व्याख्या वे प्रस्तुत -
करते है; उनकी पूर्णल्पेण समीना करनी होगी । विश्लेपण (57519515)
का जवाब और गहरे विश्लेपण से देना होगा ।
भारतीय दशेंन का वैशिष्ट्य है कि वह वत्तेमान जीवन को अतीत और
भविप्य के वीच एक कड़ी मानता है । क्लेशों को पुर्वेजन्पार्जित क्मफल मान
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