हिंदी प्रवेशिका | Hindi Praveshika

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Hindi Praveshika by शिवनन्दन त्रिपाठी - Shivanandan Tripathi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चफ़ीला समुद्द बर्फीला समु्द- दि पृथ्वी के उत्तर और दक्षिण छोरोँ को उत्तरी और दक्षिणी घ्रूच कहते हैं । इनका नाम मेरु भी है । यहाँ पर इतना अधिक जाड़ा है कि यहाँ के पास के समुद्र का जल भी जम जाया करना है और जम कर बर्फ का रूप धारण कर लिया करता है । इसके अलावा इन ध्रूबां के समीपवाले समुद्र में जो द्वीप हैं और उनमें जो प्वेत हैं उनके शिखरों से भी बर्फ के बड़े चडे टोरे टूर कर समुद्र में गिरते और इकट्ठें हो जाया करते हैं । इन दो कारणों से मेरु के पास समुद्र में खिर्काल तक बफ जमा रहता है। यह कहना कठिन है कि यह बफ़े उन प्रदेशों के पास वाले समुद्र के जल को कितनी दूर तक घेरे रहता है। उस प्रान्त में आने जाने वाले माभकी कहा करते हैं कि एक ही रात में उस प्रान्त के समुद्र के ऊपर कई एक चफफ़े जम जाता है। इसी प्रकार एक वफ़े की तह के ऊपर दूसरी वफ़ की तह्द जम जाती है यहाँ तक कि कुछ ही दिनों में जिस जगह पहले अगाधघ समुद्र जठ था वहाँ बफ़ं का बड़ा पहाड़ सा देख पड़ने लगता है। समुद्र के ऊपर इतनी दूर तक यह बफ़े जमा होता है जितनी दूर में एक बड़ा देश बसाया जा सके । फिर जब पवन चलता है और उसके भकोर्ये से बफ़॒के पहाड़ के सामने उँचे ठुकड़े आपस में वार बार 2करांते हैं तब उनके टकराने की आवाजों के सामने एक साथ चलाई सो




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