परिमल | Parimal
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
253
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१७६ परिमल
गरसन-मरव-संसार !
उथल पुल कर हदय--
मचा हलचल-- |
चल र चल,
मेरे पागल वादल ¦
धसता दलदलः
हसता दै नद खल् खल्
चदताः.कहता कुलु कलकल कलकले ।
देख देख नाचचा चदय `
वहने को , मदा विकल--वेकलः
इस मरोर से- इसी शोर से-- . `
सघन घोर गुरु गहन रोर से
सुमे--गगन का दिखा सघन वह छोर !
राग अमर ! झम्वर में भर निज . रोर !
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