श्रमणो पासक | Shramano Pasak

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Shramano Pasak  by डॉ नरेन्द्र भागवात - Dr Narendra Bhagawat

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(ज) पि सार यथाशक्य सहयोग करने में प्रवृत रहा है तथा हम इस दशाम और श्रागे बढ़ने को उत्सुक हैं । जीवदया-प्रवत्ति : संघ द्वारा इस क्षेत्र में सघन प्रयास किये जा रहे हैं । केन्द्र तथा राज्य सरकारों से 'पशु-पक्षी बलिवघ निषेध विधेयक' पारित करने हेतु समय-समय पर पत्राचार किया जाता है । श्री धर्मपाल प्रचार-प्रसार समिति : . . इस समाजोन्नति एवं राष्ट जागृति मूलक प्रवेत्ति दारा पिछड़े हुए वर्गों के व्यसन युक्त,श्रशिक्षित व श्रसंस्कारित लोगों को व्यसन मुक्त, शिक्षित एव संस्कारित करके उनकी सामाजिक स्थिति को समून्नत वनाने का एक महात्‌ .युगप्रवत्त नक्रारो काये सम्पन्न क्रियाजा रहा है। प्रवृत्ति कार्य का वैज्ञानिक विभाजन किया. गया गया है तथा नियमित प्रवासो दारयाइसे द्रत गति प्रदान करने के प्रयास किये गये हैं । धमै- पाल-शालाश्रो मे सस्कारो के साथ ही साक्षरता का श्रभिनव, लोक- शिक्षणकारी, जनोपयोगी कायं चल रहा है | यह्‌ प्रवृत्ति (१) सर्वेक्षण (२) शिक्षण (३) प्रशिक्षण (४) निरीक्षण एवं (५) परीक्षण की सुनियोजित कार्ये पद्धति से जपने ६ विभागों (१) रतलाम (२) जावरा (३) खाचरौद (४) नागदा (५) मक्सी प्रौर (६) मन्दसौर में सुयोग्य निष्ठात्रान कार्थ कर्त्ताश्रों के सहयोग से सतत प्रगति कर रही है । संघ का्य क़रस : संघ ने युगसूप्टा, युगद्रप्टा ज्योधिर्वर भभु श सना जी म. सा. के शताब्दी वर्ष के उपलब्ध श्रमः जीसन बस,




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