महान परिवर्तन | Mahaan Parivartan

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Mahaan Parivartan by ए. के. जैन - A. K. Jainलुई एलन - Lui Elan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१६ सहान्‌ परिवतंन समयन थी | श्रीर यदि शनिवार कीरत्रिमे लाखों म्रमेरिकावासियों को उष्य जल में केवल साप्ताहिक गोता लगने का श्रवसर मिल सक्ताथातो इसका कारण मृख्यतः यही था कि स्नानगृहं इक्के दुक्कें ही थे । परन्तु उस समय तम्बाकू खाने की प्रथा थी जो निश्चय हो भ्रापको गन्दी लगेगी । पूर्वी शहरों में सम्य लोग भरे समाज में थूकने की निन्दा करते थे, हालाँकि संचालक की मेज के पास उगालदान का होना दफ्तर की सुव्यवस्था. का प्रमाण माना जाता था । पश्चिमी ग्रौर दक्षिणी कषत्रों में विशेषकर छोटे शहरों श्रौर कस्बों में उगालदान हुर जगह होते थे श्रौर थृकना हर सशक्त पुरुष का. सामान्य श्रघिकार माना जाता था । १६०० के बाद के वर्षों में कदाचित तम्बाकू के परिवर्तित प्रयोग के कारण ही श्रमेरिकावासियां का यह प्राचीन रिवाज कम होता गया । १९०० में अमेरिका को जनसंख्या १९४० की जनसंख्या से श्राधी थी । फिर भी उस वर्ष अमेरिका- वालों ने १६५.० की श्रपेक्षा कुछ अधिक सिगार पियें, बहुत श्रधिक मात्रा में पाइप का तम्बाकू श्रौर उससे श्रचधिक खाने का तम्बाकू इस्तेमाल किया । श्रौर पचास सालं में जितनी सिगरेट पी गयौ उसकी शतांश ही उन लोगो ने उस साल पीं । १९०० में चार अरब सिगरेट अमेरिका में बनाई. गयीं जवकि १६४६ मे ३८४ श्ररब सिंगरेंटें बनीं ।' १६०० में टेलीफोन एक भट्टी चीज़ थी श्रौर उनकी संख्या भी श्रपेक्षाकृत कम थी 1 वह्‌ विशेषतः व्ावसायिक दप्तरो मं प्रौर एसे सम्पन्न लोगों के घरों में पाया जाता था जिन्हें नयी मशीनों का परीक्षण करने का शौक था । सन्‌ १६०० मे श्रमेरिका भर में केवल ३,३५.६११ टेलीफोन थे । जब कि १९५० में उनकी संख्या '४,३०,००,००० थी । सामुहिक स चार साधनों 'समाचारपत्रों' की, जो श्रानेवाले समय में सब श्रेखियों और स्थितियों के लोगों को समान सूचना, विचारधाराश्रों श्रौर समान रुचि की बात बतलाने का महत्त्वपूरण काम करनेवाले थे, श्रमेरिका में बिलकुल कमी थी 1 रेडियो के भ्राविष्कारमें श्रभी १० वर्ष की देर थी तथा टेलीविज्ञन तो अभी ४५. वर्षं बाद भ्रनेवालाथा, वह भी बहुत थोड़े-से श्रोताश्रों श्र द्वकं के लिए । चलचित्र भोडि होते ये श्रौर यदाकदा नृत्यागायन के थियेटरों




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