परिवर्तन | Pariwartan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
74
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)परिवतेन १३
मै सोच मे पड़ गया । कदं दिनं तक सोचता रहा, अन्त में
मैने एक मेातियों का हार पसन्द किया | यह हार इतना
सुन्दर श्रैर सुरङ्ग था कि मैं प्रथ्वी से उछल पड़ा। परन्तु
मूल्य सुना ते कलेजा बैठ गया, एक सौ बीस पौण्ड । मैंने
उसे दाथ से रख दिया, श्रार दूसरे हार देखने लगा । परन्तु
उनमें से कोई भी श्ांखोको न जंचा | आखिर रूपये पर प्रेम
की जीत हा गईं | मैने हार खरीद लिया श्रौर स्टीला कौ मेंट
कर दिया } उसे देख करः, स्टीला गवं से शरूमने लगी, शरैर
फिर मेरी ओर देख कर बोली, “क्या म तुम्हारा धन्यवाद
करू 072
“नहीं इसकी कोई आवश्यकता नहीं 1
“च्छा, इसका मूल्य क्या है ?:
“तुम्हारी प्रेम-हृष्टि |”?
“नहीं । सच सच कहो ।””
“इसे क्रिसमस के दिन पहरना ।”'
स्टील्ला प्रेम के जोश में अधीर हाकर मुझसे चिमट गई ।
इस समय उसका प्यार कैसा सच्चा प्रतीत हेता था । मुझ पर
जादू. हो गया । मैंने इस समय तक अपने आपको संयम
में रक््खा हुआ था, परन्तु इस समय हृदय वश में न रहा!
मैने स्टीला कं दोनों सुकोमल हाथ अपने हाथो में ले लिये,
श्र प्रेम के दफुर खोल दिये । यह मेरे भाग्य की परोक्षा थी ।
सुभे कभी लैकचर देने का अवसर नहीं मिला, परन्तु उस
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