दशरुपकम हिंदी टीका सहितम | Dashrupakam hindi Tika Sahit

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Dashrupakam  hindi Tika Sahit by रामजी उपाध्याय - Ramji Upadhyay

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चूत्त ताल बोर सप पर अवसम्बित होता है । बादि ताल है और दुत मध्य और विलम्वित लय हैं । इन्ही दोनो के सामझ्जस्प में विया जाने वाला भड्भशिक्षेप नृत्त है। नृत्त सदंदा अभिनय-रहित होता है । अनस्तरोक्त द्वितीयं ब्याचप्टे-- आय पदार्धाभिनयों मार्गों देशी तथा परम ॥5 मृत्य पदार्थाभिनयात्मवं मा्गें इति प्रसिद्धमू, नृत्त' तु देशीति । दिविधस्यापि दविध्य दर्शयति -- इन दोनों [नृत्य और की ब्यादया इस प्रशार हे-- दोनों में प्रयम नृत्य (विभावादि) पदार्य के अभिनय का नाम है. ओर “मार्ग कहा जाता है । दूसरे नृत्त को देशी बहते हैं । इन दोनों मे दो प्रबार बताये जाते हैं । नान्दी टोका-- नूत्त यो नाट्य और नृत्य से समझना चाहिए माठयं और नृय में अभिनद दोता है थौर नुतत अभिनय-रहित होता है । नूत केवल ताल आर लय पर आधश्ित होता है। इसमे अद्भविशेष ताली बजाने जादि के सामसूजन्प में होता है । नुस्य पर्यायवाचों मार्ग है । नुस या पर्यापदासो देशी है । १०, मधुरोद्धतभेदेन तद॒ दय॑ द्विविध पुन । लास्पताण्डवरूपेण नाटकायुपक, रकम ॥प० सुवुमारं द्वपमपि लास्यम, दितयमपि ताण्डयमिति । प्रसज्भोक्त- स्पोपयोगं दर्शपति -तच्च नाटवायुपवारवं मिति । सृस्यस्प कचिंदवास्तर- पदार्याभिनयसूपत्वेन नुत्तस्य च शोभाहितुत्वेत नाटवादाबुपयोग इति । १० दोनों (नुत झौर नुत्य)में से ्रयेश दे दो भेद मपुर और उद्धतत होने हैं । ये दोनों हो नाटकाडि सभो रुपरों में समाविष्ट होते हैं । मधुर या नृत्य को लय बहने हैं । मुप पा मूल को करते हें । नाठय खबर नुस्य के प्रसज में दूत को चर्चा को गई। इनका उपयोग दताने है-ये दोनों नृत्य ओर नूतत नाटकादि सभी रुपरों मे उपयोगों होते है । यार कहीं छोटा-दोडा अपग से पदाएँ (क्ांग) था जाये हो उमा कमिनय नृत्य के द्वारा होता है । रुपयों के में बहीं-तहों शोसा (रमणीयता) का संवर्धन करने ने लिए नु्त बिदा जाता है ।




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