मानतुंग राजा अने मानव ती राणीको रास | Manatung Raja Ane Manav Ti Raniko Ras
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
192
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand){१४८}
॥ 3 ॥उमक्टे वारवार सखी आर्द्र घणे,
मानवती तव ताख रस्या वायकभणार स
दीया किमान करोह्ठ एवटो, सहु य
र एकराग पुठे मुद् कापडो ॥ ४ ॥ फोगट
भोगवे कोण बाई ऊजागरो, योढामाहे स
वाद् दिवेतो भयाकरो ॥ वरि हा रामत
कारे रमसु नवनवी, इरणीढटो आका-
सके वेला वहूहवी ॥ 4 ॥ गीततणा भणकरा
रजो श्रचर्णें वागसे, सूता लोकसवे इद्दा झ
वकी जनागसे॥ अतिङेसन अर्थकरे स्यो फा
यदो, जावजो कार दायके मपणौ चायदो
॥६॥ मानवती भणीताम चारेचतुरा कटे ॥ दे
वेदनी अमवातते वंतोनवी ठह कार आम
रो नान उत्सव मडावसे॥ चारेने वर चार भ
ठा परणावसे ॥ ७॥ परण्या प्र तो दोसे
रद्दवु सासरे अहर्निस वेकर जोडी पीयनें
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